धर्म ग्रंथों के अनुसार, दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य महान तपस्वी थे। उन्होंने कई मौकों पर असुरों का विनाश होने से बचाया। इन्हें भगवान शिव का पुत्र भी कहा जाता है। गुरु शुक्राचार्य द्वारा लिखी गई कई पुस्तकें आज भी उपलब्ध हैं। इन्हीं में एक है शुक्र नीति (Shukra Niti )। इस ग्रंथ में लाइफ मैनेजमेंट से जुड़े अनेक सूत्रों के बारे में बताया गया है। शुक्राचार्य ने अपनी एक नीति में उन 6 चीजों के बारे में बताया है जिन पर व्यक्ति को कभी घमंड नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये चीजें एक न एक दिन छोड़कर चली ही जाती हैं। आगे जानिए कौन-सी हैं वो 6 चीजें.
श्लोक
यौवनं जीवितं चित्तं छाया लक्ष्मीश्र्च स्वामिता।
चंचलानि षडेतानि ज्ञात्वा धर्मरतो भवेत्।।
अर्थ – यौवन, जीवन, मन, छाया, लक्ष्मी और सत्ता ये छह चीजें बहुत चंचल होती हैं, इसे समझ लेना चाहिए और धर्म के कार्यों में रत रहना चाहिए।
जवानी का जाना तय है
जवानी कुछ ही समय के लिए होती है। एक न एक दिन इसका जाना तय है और बुढ़ापा भी आता है। जो लोग अपने रूप और सुंदरता पर घमंड करते हैं उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि प्रकृति के नियम के अनुसार, ये रूप और सुंदरता अधिक समय तक नहीं रहेगी और एक दिन चली ही जाएगी।
अंतिम सत्य है मृत्यु
जिसका जन्म हुआ है, उसकी मृत्यु तय है। फिर भी लोग न जानें क्यों अपने जीवन पर इतना घमंड करते हैं और दूसरों का अहित करने में अपना समय व्यर्थ करते हैं। भले ही कोई कितना भी धनवान हो या रूपवान। एक दिन मृत्यु उसे भी अपने साथ ले जाएगी। इसलिए जीवन पर अधिक घमंड न करें।
मन की गति है सबसे अधिक
धर्म ग्रंथों के अनुसार, मन की गति सबसे अधिक है। यानी ये कभी एक जगह टिकता नहीं है। आज इसे ये पसंद है तो कल कुछ ओर। कई लोग कोशिश करते हैं कि उनका मन उनके वश में रहे, लेकिन कभी न कभी वो उनके अनियंत्रित हो ही जाता है। इसलिए जो चीज आपके मन को आज पसंद है उस पर घमंड न करें।
परछाई भी हो जाती है गायब
शुक्र नीति के अनुसार, वैसे तो परछाई हर कदम पर मनुष्य के साथ रहती है, लेकिन एक समय ऐसा भी आता है कि जब परछाई भी गायब हो जाती है। परछाई से अर्थ है आपकी इमेज। आपकी इमेज आज अच्छी है तो उस पर अधिक घमंड न करें क्योंकि छोटी सी गलती आपके इमेज को खराब करने के लिए काफी है।
लक्ष्मी यानी पैसा भी नहीं टिकता
मन की तरह ही धन का भी स्वभाव बड़ा ही चंचल होता है। वह हर समय किसी एक जगह पर या किसी एक के पास नहीं टिकता। इसलिए धन से मोह बांधना ठीक नहीं होता। अगर कोई व्यक्ति अपने धन पर अंहकार करता है तो उसे ये नहीं भूलना चाहिए कि एक न एक दिन ये पैसा भी उसके पास नहीं रहेगा।
सत्ता भी हमेशा नहीं रहती
जब लोगों के हाथ में सत्ता यानी पॉवर होती है तो उन्हें लगता है कि ये हमेशा के लिए है। लेकिन वे भूल जाते हैं कि यही पॉवर कल किसी दूसरे के पास भी थी। इसलिए सत्ता के नशे में किसी के साथ गलत व्यवहार नहीं करना चाहिए, नहीं तो भविष्य में पछताना पड़ता है। प्रकृति के नियमों के अनुसार, पद और अधिकारों का परिवर्तन होता रहता है।