Metastatic Breast Cancer In Bones: ब्रेस्ट कैंसर एक बेहद गंभीर बीमारी है. इस बीमारी में ब्रेस्ट के असामान्य सेल्स बढ़ने लगती है जो धीरे-धीरे ट्यूमर का रूप ले लेती हैं. शुरुआत में ब्रेस्ट कैंसर मिल्क डक्ट वाले लोबूल के अंदर शुरू होता है. अगर इस बीमारी को लेकर ध्यान नहीं दिया जाए तो ट्यूमर पूरे शरीर में फैल सकता है. ब्रेस्ट कैंसर जब ज्यादा गंभीर हो जाता है तो यह आपके हड्डी के अंदर पहुंच जाता है. इस बीमारी को हड्डियों में होने वाला मेटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर कहा जाता है. आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में
“मेटास्टेसिस” शब्द बताता है कि कैंसर का एक शरीर के हिस्से से दूसरे हिस्सा तक फैलना. ऐसा तब होता है जब कैंसर सेल्स प्राथमिक ट्यूमर से टूट जाती हैं और लिम्फ सिस्टम या ब्लडस्ट्रीम में प्रवेश कर जाती हैं. इस तरह नए ट्यूमर बन जाते हैं.
हड्डियों में होने वाला मेटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर
हड्डियों में मेटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर बोन के कैंसर से काफी अलग होता है. यह ब्रेस्ट सेल्स से बनता है. इसे हड्डियों में होने वाले मेटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर स्टेज 4 या एडवांस ब्रेस्ट कैंसर भी कहा जाता है. 2020 की एक स्टडी के अनुसार, ब्रेस्ट मेटास्टेसिस की सबसे बोन में होती है.Breastcancer.org का कहना है कि मेटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित आधी से ज्यादा महिलाओं के लिए, बोन मेटास्टेसिस का पहला स्थान हैं. पसलियां, रीढ़ की हड्डी, पेल्वीस जैसे हिस्सों की हड्डियों सबसे ज्यादा मेटास्टेसिस देखा जाता है.
लक्षण
हड्डियों में मेटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि कैंसर कहां फैला है और ट्यूमर कितने बढ़ा है. इस बीमारी के दौरान आपको हड्डियों में दर्द, स्पाइनल कॉर्ड पर दबाव, बोन फ्रेक्चर, हाइपरकैल्सीमिया (Hypercalcemia) जैसे लक्षण नजर आते हैं.
कैसे करें पता?
कभी-कभी, एक्स-रे से हड्डी के मेटास्टेसिस का पता चल सकता है. या फिर बोन स्कैन, सीटी स्कैन, एमआरआई स्कैन, पीईटी स्कैन, बोन बायोप्सी जैसे टेस्ट भी इस गंभीर बीमारी का पता लगा सकते हैं. इसके अलावा ब्लड टेस्ट के जरिए भी पता लगा सकते हैं.
इलाज
हड्डियों मे मेटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर का इलाज रेडियोथेरेपी, बोन की सर्जरी और हड्डियां मजबूत करने वाली दवाइयों से किया जा सकता है. इसके अलावा कीमोथेरेपी, हार्मोन थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी के मदद से भी किया जा सकता है.