नई दिल्ली । एम्स सर्वर हैकिंग मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। एम्स के 5 प्रमुख सर्वर हैक हुए थे। आशंका है कि ये हैकिंग चीन से हुई। सूत्रों के मुताबिक हैकिंग के दौरान पर्सनल डेटा भी लीक हुआ है। एम्स से लीक हुआ ये डेटा डार्कवेब के मैन डोमेन पर भी होने की संभावना है। डार्कवेब वर्ल्ड वाइड वेब का एक हिस्सा है जहां हैक हुआ या अवैध डेटा उपलब्ध होता है। डार्क वेब पर हैक किए गए डेटा को अवैध रूप से बेचा और खरीदा जाता है। बताया जा रहा है कि डार्क वेब पर एम्स के डेटा को लेकर चर्चा और डील चल रही थी। इतना ही नहीं डार्क वेब पर एम्स का डेटा 1600 से ज्यादा बार सर्च किया गया। इनमें से कई यूजर्स नेताओं और सेलिब्रिटीज के डेटा को खरीदने का इंतजार भी कर रहे थे।
एम्स का सर्वर 23 नवंबर की सुबह 7 बजे से डाउन हुआ था। 24 घंटे बाद भी सर्वर ठीक नहीं हो पाने के बाद एम्स के अफसरों ने दिल्ली पुलिस से संपर्क किया था। एम्स की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज कर लिया था। इस मामले को दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटजिक ऑपरेशन (आईएफएसओ) यूनिट को सौंप दिया गया था। आशंका थी कि एम्स का सर्वर हैक हुआ है।
आईएफएसओ सूत्रों ने बताया कि एम्स के 5 सर्वर हैक हुए थे। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि कोई डेटा लीक नहीं हुआ है। वहीं जो 5 सर्वर हैक हुए थे एफएसएल उनकी जांच कर रही है। संभावना है कि भारत के बाहर से हैकिंग हुई है। हैकर्स कुछ सबूत भी छोड़ गए हैं। ये सबूत आगे की जांच के लिए काफी अहम माने जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि हैकर्स का मुख्य उद्देश्य पैसों की वसूली था।
एम्स सर्वर हैकिंग के तार चीन से जुड़े जांच एजेंसियों का चौंकाने वाला खुलासा
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