बागेश्वर धाम: मध्य प्रदेश के छतरपुर के बागेश्वर धाम में चल रहे धार्मिक आयोजन के आखिरी दिन रविवार को बड़ी संख्या में घर वापसी (धर्म परिवर्तन) कराया गया. चार बसों में भर कर ईसाइयों को बागेश्वर धाम लाया गया. धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हजारो श्रद्धालुओं की मौजूदगी में 220 लोगों को पीली पट्टिका पहनाकर सनातन धर्म में वापसी कराई. हिंदू जागरण मंच के लोग इन लोगों को बागेश्वर धाम लेकर पहुंचे थे. बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री का दावा है कि रविवार को ये लोग खुद अपनी मर्जी से सनातन का संकल्प लेने बागेश्वर धाम आए हैं. इस घटना के बाद से पंडित धीरेंद्र शास्त्री का अहम बयान सामने आया है. उन्होंने अपने अंदाज से विरोधियों पर निशाना भी साधा है.
रविवार को बुंदेलखंड इलाके के टपरियन, बनापुर, चितौरा और बम्हौरी समेत दूसरे गांवों से ईसाई धर्म अपना चुके लोगों को छतरपुर जिले के गढ़ा गांव स्थित बागेश्वर धाम ले जाया गया. हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने बताया कि इनमें से कई लोग मिशनरियों के संपर्क में आकर ईसाई बन गए थे और चर्च जाने लगे थे.
मिशनरियों के प्रभाव में थे ये लोग
घर वापसी की लिस्ट में कुल 220 लोगों का नाम हैं. इनमें से कुछ लोगों ने हिन्दू धर्म छोड़ ईसाई धर्म अपना लिया था. कुछ चर्च जाना शुरू कर चुके थे, कुछ लोग मिशनरियों के प्रभाव में थे. एक सामाजिक संगठन ने उन्हें बागेश्वर धाम की राह दिखाई और वही इन्हें यहां ले कर आए. ये बात धीरेंद्र शास्त्री ने मंच से स्पष्ट भी कर दिया. घर वापसी कर रहे लोगों का कहना है कि अब वो बागेश्वर धाम और बाबा से प्रभावित हो कर वापस हिन्दू धर्म में आए हैं. उनका मूल सनातन ही है. मध्य प्रदेश के सागर जिले से घर वापसी करने आए सभी लोगों को बाबा ने मंच पर अपने सामने बिठाया. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि सभी लोग बालाजी के दरबार में पेशी शुरू करें. उन पर कोई संकट नहीं आएगा और वो कहीं और नहीं जाएंगे.
धीरेंद्र शास्त्री ने सभी को पहनाई पीली पट्टिका
बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने घर वापसी करने वाले लोगों को आशीर्वाद स्वरूप पीली पट्टिका पहनाई और उनसे प्रतिदिन मंदिर जाने की अपील की.ईसाई से हिंदू धर्म ने वापसी करने वालों ने बताया कि वह मिशनरी के लालच और प्रलोभन में ईसाई बन गए थे. लेकिन मिशनरियों ने घर देने का जो वादा किया था, उसे उन्होंने पूरा नहीं किया. अब वह सनातन धर्म में वापस अपनी मर्जी से आए हैं. पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस अवसर पर कहा कि भूल सबसे होती है. आप लोगों से यही प्रार्थना है कि शनिवार-मंगलवार हनुमान मंदिर जाना शुरू करें. हम किसी भी पंथ के विरोधी नहीं, लेकिन सनातन धर्म से कट्टर हैं. उन्होंने आगे कहा कि मुझे लोकप्रियता नहीं चाहिए. हमें रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रन्थ और भारत को हिन्दू राष्ट्र के रूप में देखना चाहते हैं. यही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि आशीर्वाद के अलावा कोई भी राजनीतिक पार्टी हमसे अपेक्षा मत करना.