Sunday, June 4, 2023
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जलाशयों के पर्यटन दृष्टि से विकसित करने की संभावनाओं को तलाए-मीणा

उदयपुर । उदयपुर झीलों के शहर के जलाशयों के संरक्षण के लिए जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने गंभीरता दिखाई है और इसके संरक्षण-संवर्धन के लिए आयोजित हुई जिला झील संरक्षण एवं विकास समिति की बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा करते हुए महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए। कलक्टर मीणा ने कहा कि देश-दुनिया में अपनी झीलों व पर्यटन के लिए प्रसिद्ध लेकसिटी में भी जलाशयों का संरक्षण बेहद जरूरी है। उन्होंने शहर की फतेहसागर पिछोला और उदयसागर झील को नोटिफाइड होने की जानकारी होने पर कहा कि जयसमंद को भी झील रूप में नोटिफिकेशन की जरूरत है।
उन्होंने इस संबंध में जल संसाधन विभाग और संबंधित विभागीय अधिकारियों को कार्यवाही के निर्देश दिए। स्वायत्त शासन विभाग के निर्देशों पर पूर्व में जल संसाधन विभाग को समस्त जलाशयों की सर्वे करते हुए झील की पात्रता निर्धारित करने के लिए भेजे गए पत्र पर उन्होंने अधीक्षण अभियंता को तत्काल प्रभाव से रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। बैठक दौरान कलक्टर मीणा ने यूआईटी सचिव नितेन्द्र पाल सिंह से कहा कि राजस्व अधिकारियों की टीम लगाते हुए शहर के सभी जलाशयों के सीमांकन करवाया जाना चाहिए ताकि इन पर अतिक्रमण न होने पाए। कलक्टर ने शहर के फतेहसागर और पिछोला को पर्यटकों के ओवरबर्डन से मुक्त करने की दृष्टि से कहा कि  शहर के गोवर्धन नगर बड़ी तालाब पुरोहितों का तालाब एकलिंगजी तालाब सहित ग्रामीण क्षेत्रों में नैसर्गिक सौंदर्य से युक्त महत्त्वपूर्ण जलाशयों के पर्यटन दृष्टि से विकसित करने की संभावनाओं को तलाशा जाए।   बैठक दौरान जिला कलक्टर मीणा ने कहा कि स्पीड बोट्स से फतहसागर में विचरण करने वाले पक्षियों और जलीय जीवों को बड़ा नुकसान होता है ऐसे में फतहसागर को स्पीड बोट्स से मुक्त करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पर्यटन दृष्टि से सोलर बोट्स का संचालन बेहतर है ऐसे में अगले टेंडर से स्पीड बोट्स को  अनुमति न देने के निर्देश दिए। इसी प्रकार उन्होंने जेटियों को भी देवाली छोर पर स्थानांतरित करने के निर्देश दिए ताकि फतहसागर पर होने वाले जाम को दूर किया जा सके। कलक्टर ने प्रदूषण मंडल के अधिकारियों से कहा कि वायु प्रदूषण की तरह ही झीलों में बोट्स आदि से होने वाले जल प्रदूषण को मापने के सयंत्रों को भी लगाने की जरूरत है ऐसे में इस दिशा में कार्यवाही प्रस्तावित की जाए। उन्होंने फतेहसागर पर महिलाओं को ई रिक्शा उपलब्ध कराने बाघदड़ा व मेनार को टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने मुंबईया बाजार के अतिक्रमण को रोकने बनारस व डूंगरपुर की तर्ज पर शहर की झीलों में सोलर बोट संचालित करवाने उदयसागर में बोटिंग व पर्यटन गतिविधियों की स्वीकृति के संबंध में मौका निरीक्षण कर रिपोर्ट करने संबंधित चर्चा की गई।

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