करणी सेना का आंदोलन खत्म: चार दिनों से चल रहा करणी सेना परिवार का आंदोलन बुधवार को सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया के आश्वासन के बाद खत्म हो गया। करणी सेना के सदस्य आठ जनवरी से 21 सूत्रीय मांगों को लेकर भेल क्षेत्र में धरना दे रहे थे। करणी सेना के प्रदेश प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर के अलावा चार और पदाधिकारी अनशन पर बैठे थे। इनकी मुख्य मांग जातिगत आरक्षण खत्म कर आर्थिक आधार पर आरक्षण और एसटी-एसी एक्ट में बदलाव करना है। आंदोलन स्थल पहुंचे कैबिनेट मंत्री अरविंद भदौरिया ने कहा की बातचीत के बाद कऱणी सेना की मांग पर सरकार ने अधिकारियों की तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है जो दो महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। उन्होंने कहा कि करणी सेना की मांग विधिसम्मत और यथोचित होगी उसको लागू करने पर सरकार निर्णय लेगी। करणी सेना परिवार के ज्ञापन में शामिल 22 मांगों में से 18 मांगों पर विचार के लिए 3 अफसरों की कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी में सामान्य प्रशासन विभाग के एसीएस को अध्यक्ष बनाया गया है। इस कमेटी में स्कूल शिक्षा विभाग और सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन विभाग के पीएस को सदस्य बनाया गया है। ये कमेटी दो महीने में इन 18 मांगों पर अपनी रिपोर्ट देगी। कमेटी के गठन का आदेश भी जारी हो गया है।
22 में से 4 मांगों पर कोई बात नहीं क्यों कि चारों केन्द्र के अधीन
ये चारों केन्द्र के अधीन मामले हैं। चार दिनों से लगातार वार्ता विफल होने के पीछे की वजह ही ये चारों मांगें थीं। ये सभी मामले केन्द्र सरकार के अधीन हैं। आज राज्य सरकार के अधीन 18 मांगों पर अपनी राय देने के लिए सरकार ने कमेटी बनाई है।
1- आरक्षण का आधार आर्थिक किया जाए ताकि समाज के हर वर्ग के गरीबों को आरक्षण का लाभ मिल सके। एक बार आरक्षण मिलने पर दोबारा आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाए।
2- SC, ST एक्ट में बिना जाँच के गिरफ्तारी पर रोक लगे। ताकि कोई भी निर्दोष व्यक्ति बिना अपराध के सजा न काटे।
3- SC, ST एक्ट की तर्ज पर सामान्य-पिछड़ा एक्ट बने जो सामान्य-पिछड़ा वर्ग के हितों की रक्षा करे व कानूनी सहायता प्रदान करे।
4- खाद्यान्न (रोजमर्रा की चीजें) को GST से मुक्त किया जाए तथा बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाई जाए।

3000 पुलिसकर्मी मौके पर तैनात
संगठन के लोग बीते चार दिनों से बिना अनुमति आम रास्ता रोककर भोपाल के महात्मा गांधी चौराहे पर धरना दे रहे थे। इनमें से 5 पदाधिकारी आमरण अनशन पर बैठ हुए थे। जबकि उन्होंने जम्बूरी मैदान में सम्मेलन के लिए पुलिस कमिश्नर से सिर्फ एक दिन (रविवार) के लिए अनुमति ली थी। अन्य संगठनों के समर्थन से यहां भीड़ बढ़ गई। ऐसे में महात्मा गांधी चौराहे से अवधपुरी तिराहे तक रास्ता बंद है। इससे अवधपुरी और आसपास की 2 लाख की आबादी परेशान है। उन्हें डायवर्टेड रूट से लंबा चक्कर लगाकर आना-जाना पड़ रहा है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 3000 पुलिसकर्मी मौके पर तैनात हैं।
प्रदेश के दूसरे शहरों में फैल रही धरने की आग
राजधानी में चल रहे धरने की आग प्रदेश के दूसरे शहरों में फैल रही है। उज्जैन के महिदपुर में आज करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का पुतला जलाने की कोशिश की। पुलिस के रोकने पर कार्यकर्ताओं ने झड़प की। पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए सभी को खदेड़ा। खंडवा में दो दिन पहले CM का पुतला जलाने पर FIR हुई है। आगर और शाजापुर में भी CM के पुतले जलाए गए।