मुंबई। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और सीएम देवेंद्र फडणवीस के रिश्तों में सबकुछ खटास नजर आ रही है या फिर दोनों के बीच सबकुछ ठीक होने का दिखावा किया जा रहा है? यह सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि सीएम फडणवीस ने शिंदे के कार्यकाल में हुए एक और फैसले पर रोक लगा दी है। जब एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के सीएम थे, तब तानाजी सावंत के पास स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उस समय अधिकारियों के तबादले, एम्बुलेंस की खरीद में अनियमितता के आरोप लगे थे। साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी सरकारी अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उपकेंद्रों की सफाई का काम ठेके पर दिया था। इसके लिए हरसाल 638 करोड़ रुपए के हिसाब से तीन साल के लिए 3,190 करोड़ रुपए का ठेका पुणे की एक निजी कंपनी को दिया था, लेकिन अब इस ठेके को फडणवीस ने रद्द कर दिया है।
इस फैसले को लेकर सीएम देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच चल रहे गुप्त संघर्ष का संदेह विपक्ष जता रहा है, लेकिन शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता और सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आबिटकर ने कहा इस फैसले के पीछे कोई पार्टीगत कारण नहीं है। सिर्फ स्वास्थ्य विभाग ही नहीं, बल्कि हर सरकारी विभाग को नियमों के मुताबिक काम करना चाहिए। हम जनता के प्रति उत्तरदायी हैं।
इस बीच शिवसेना (उद्धव गुट) पार्टी के नेता संजय राउत ने भी इस फैसला का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे के कार्यकाल में जो काम हुए, उनमें केवल भ्रष्टाचार ही हुआ था। शिंदे के समय स्वास्थ्य मंत्री कौन थे, यह सभी को पता है। बीजेपी ने भ्रष्ट मंत्रियों का विरोध किया था। उनमें से एक स्वास्थ्य मंत्री भी थे। सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग सीधे जनता से जुड़ा होता है, लेकिन अगर उस विभाग में भ्रष्टाचार हो रहा है तो यह सही नहीं है। सीएम देवेंद्र फडणवीस अगर इस भ्रष्टाचार को रोक रहे हैं तो हम उनका स्वागत करते हैं।
सीएम फडणवीस ने शिंदे के फैसले पर लगाई रोक, सफाई के ठेके को किया रद्द
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