जयपुर । राजस्थान में अब चीता लैंडस्केप बनाने की तैयारी चल रही है। शुक्रवार को इसको लेकर राजस्थान के रणथंभोर में मध्यप्रदेश और राजस्थान वन विभाग के अधिकारियों की बैठक है। इसमें चीता लैंडस्केप परियोजना के अंतर्गत चीतों की बसावट को लेकर राजस्थान वन विभाग द्वारा मध्य प्रदेश के साथ जल्द ही एक मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग साइन करने की योजना पर फैसला लिया जाएगा। बैठक में राजस्थान के धौलपुर से रावतभाटा तक लगभग 400 किलोमीटर के वन क्षेत्र में चीता कॉरिडोर बनाने को लेकर मंथन किया जाएगा। इसमें वन्य जीव प्रतिपालक पवन उपाध्याय, एपीसीसीएफ राजेश गुप्ता समेत वन विभाग के आला अधिकारी हिस्सा लेंगे। बता दें कि राज्य सरकार ने बजट में भी चीता लैंडस्केप को लेकर घोषणा की थी। इसके बाद दो बार मध्य प्रदेश और राजस्थान के अधिकारी इस मुद्दे को लेकर बैठक कर चुके है। अब तक कोई अंतिम फैसला नहीं हो पाया है। ऐसे में अब 29 नवंबर को रणथंभौर में दोनों प्रदेश के आला अधिकारी विशेषज्ञों की मौजूदगी में राजस्थान में चीतों के भविष्य पर चर्चा करेंगे। इसके साथ ही बैठक में एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया जाएगा। बैठक में राजस्थान और मध्य प्रदेश के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक, मध्य प्रदेश के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, मुख्य वन संरक्षक और क्षेत्र निदेशक मुकुंदरा, चीता प्रोजेक्ट शिवपुरी के संचालक, वन मंडल अधिकारी, कूनो राष्ट्रीय उद्यान श्योपुर, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के प्रतिनिधि, भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। जो राजस्थान में चीतों के भविष्य को लेकर मंथन करेंगे। इस बैठक में राजस्थान में अगर चीतों को छोड़ा जाता है तो उनके भोजन से लेकर अन्य वन्यजीवों पर इसका क्या असर रहेगा। इस पर भी चर्चा की जाएगी। बैठक में चीता संरक्षण के व्यावहारिक अध्ययन के लिए मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच एमओयू पर चर्चा होगी। राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य और दोनों राज्यों के निकटवर्ती क्षेत्र के संयुक्त पर्यटन मार्ग पर भी कल चर्चा प्रस्तावित है। इसके साथ ही कूनो और रणथंभौर में संयुक्त पर्यटन रूट की संभावनाओं को लेकर दोनों राज्यों के वन अधिकारी अपना पक्ष रखेंगे।
चीता कॉरिडोर बनाने पर फैसला जल्द, 29 नवंबर को होगी बैठक
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