भोपाल। मप्र में पिछले 24 घंटे में 21 से ज्यादा जिलों में तेज बारिश हुई। प्रदेश की प्रमुख नदियां उफान पर हैं। उज्जैन में कई घाट और मंदिर शिप्रा नदी में डूब गए हैं। बांध का गेट खोलकर जलस्तर कम किया जा रहा है। वहीं बतौर सुरक्षा जिला प्रशासन द्वारा अलर्ट जारी किया गया है। लोगों को नदी और बांध के किनारे जाने से रोकने के निर्देश स्थानीय प्रशासन को दिए गए हैं। ओंकारेश्वर बांध के 7 गेट खोल गए हैं। ओंकारेश्वर बांध प्रबधन ने खंडवा, खरगोन, बड़वानी, धार, धामनोद, महेश्वर, मंडलेश्वर, सनावद, बड़वाह में अलर्ट जारी कर दिया है। उज्जैन और आस-पास के इलाकों में दो दिन से रुक-रुककर बारिश का दौर जारी है। इससे शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। रामघाट पर बने मंदिर शिप्रा के जल में डूब गए हैं। रामघाट पर मंदिर दूसरे दिन भी डूबे रहे। इसको लेकर प्रशासन भी अलर्ट मोड़ पर है। रामघाट पर बने मंदिरों में श्रद्धालु जाना प्रतिबंध किया है वहीं इंदौर में हुई अच्छी बरसात के बाद यशवंत सागर का गेट खोले जाने से उज्जैन के गंभीर डैम में भी पानी बढ़ा।
नर्मदापुरम के इटारसी स्थित तवा डैम का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। वर्तमान के डेम के 13 गेटों में से 7 गेट 6-6 फीट पर खोले गए हैं। सुबह तक पांच गेट खुले थे। डैम से 71700 क्यूसेक पानी तवा नदी में छोड़ा जा रहा है। वर्तमान में तवा डैम का जलस्तर 1163.70 फीट पर है। तवा और बरगी के गेट खुले होने से नर्मदा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। शुभम जायसवाल, राजगढ़। बारिश के चलते मोहनपुरा डैम का जलस्तर बढऩे से 4 गेट खोले गए। डैम में पानी 90 फीसदी भरा गया है। डैम का गेट खोलने से नेवज नदी का भी जलस्तर बढ़ रहा है। बैतूल जिले में बारिश से मुलताई ब्लॉक में चन्दोरा डैम के पांच और पारसडोह डैम का एक गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। दोनों बांधों से पानी छोडऩे की वजह से ताप्ती नदी के घाटों पर जलस्तर बढ़ गया है। मौसम विभाग ने अगले 24 घण्टों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
विदिशा में हलाली डैम का पानी छोडऩे के बाद बेतवा जल स्तर बढ़ा है। बेतवा नदी के ऊपरी हिस्सों में अधिक बारिश के कारण हलाली डैम का जलस्तर 100 प्रतिशत भर गया। डैम के पांच गेट खोले गए और निचले इलाकों में बेतवा नदी और बेस नदी का जलस्तर बढऩे के कारण अब लोगों को परेशानियां हो सकती है। भोपाल बैरसिया रायसेन क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश की वजह से जल भराव 100 प्रतिशत हो गया। कई गांवों के सडक़ मार्ग बंद हो गए है। नदी नाले उफान पर और पुलियों के ऊपर से पानी जा रहा है। नदी किनारे बने मंदिर डूब चुके हैं। विदिशा के श्मशान घाट का रास्ता पूरी तरह से बंद हो चुका है,
भोपाल में बारिश का कोटा पूरा हो गया है। यहां अब तक 39.2 इंच बारिश हो गई है। रात में ही 4 इंच बारिश हो गई, जबकि 24 घंटे में 4.5 इंच पानी गिरा। रातभर तेज बारिश होने से भोपाल के कई इलाकों में जलभराव के हालात बन गए। वहीं, रविवार सुबह भदभदा के तीन और कलियासोत डैम के 6 गेट खोल दिए गए। दूसरी ओर, भोपाल में पिछले 10 साल में पांचवीं बार सबसे ज्यादा पानी गिरा है। इससे पहले, साल 2022 में 74 इंच बारिश हुई थी। मौसम विभाग ने रविवार को तेज बारिश होने का अलर्ट जारी किया है। भोपाल की सामान्य बारिश 37.6 इंच है। इस हिसाब से अबकी बार 1.6 इंच पानी ज्यादा गिर गया है। अब भोपाल में जो भी बारिश होगी, वह बोनस रहेगी।
मप्र में बाढ़-बारिश का कहर: 21 से ज्यादा जिलों में तेज बारिश… उज्जैन रामघाट मंदिर तक पहुंचा जल
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