बीजिंग। पहलगाम अटैक के बाद भारत की ओर से सिंधु नदी समझौता सस्पेंड किए जाने पर पाकिस्तान घबराया हुआ है। भारत की ओर से किसी तरह की सैन्य कार्रवाई की संभावनाओं के बीच पाकिस्तान मदद दूसरे देशों से मदद मांग रहा है। ऐसे में वह कभी चीन की तरफ तो कभी सऊदी अरब और कभी ब्रिटेन की ओर देख रहा।
इस बीच चीन का भी रिएक्शन सामने आया है। चीन ने पहलगाम आतंकी हमले की तेज और निष्पक्ष जांच का एलान किया है। पहलगाम हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान में तनाव चरम पर है। चीन ने भारत के साथ इस्लामाबाद के बढ़ते तनाव के बीच अपनी संप्रभुता और सुरक्षा हितों की रक्षा करने में अपने सदाबहार सहयोगी पाकिस्तान के प्रति समर्थन व्यक्त किया है।
चीन ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री से की बात
रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को पाकिस्तानी उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। रिपोर्ट के मुताबिक, डार ने वांग को कश्मीर क्षेत्र में आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच चल रहे तनाव के बारे में जानकारी दी।
'चीन घटना पर बारीकी से रख रहा नजर'
रिपोर्ट के मुताबिक, वांग ने कहा कि चीन घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहा है। वांग चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की केंद्रीय समिति के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य भी हैं।
रिपोर्ट में वांग के हवाले से कहा गया है, 'एक मजबूत मित्र और हर मौसम में रणनीतिक सहयोगी साझेदार के रूप में, चीन पाकिस्तान की वैध सुरक्षा चिंताओं को पूरी तरह समझता है और उसकी संप्रभुता और सुरक्षा हितों की रक्षा करने में पाकिस्तान का समर्थन करता है।'
पाकिस्तान को मिला चीन का साथ?
वांग ने आगे कहा, चीन एक तुरंत और निष्पक्ष जांच की वकालत करता है और मानता है कि ये संघर्ष भारत या पाकिस्तान के मौलिक हितों की पूर्ति नहीं करता है, न ही यह क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए फायदेमंद है।' पहलगाम हमले पर पाकिस्तान को चीन का समर्थन मिलना उसके लिए एक सफलता की तरह है।
चीन की ओर से पाकिस्तान को यह समर्थन शहबाज शरीफ के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले की 'स्वतंत्र जांच' की मांग की है। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया कि उनका इस मामले में हस्तक्षेप का इरादा नहीं है।