भोपाल : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में स्वच्छता आंदोलन में भोपाल की टीम ‘सकारात्मक सोच’ के स्वच्छता अभियान में किये जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर 2014 से शुरू किया गया स्वच्छता आंदोलन महत्वपूर्ण पड़ाव पर पहुंच गया है। अब इसका असर देश के अनेक शहरों में दिखाई पड़ रहा है। मध्यप्रदेश में स्वच्छता आंदोलन ने अनेक शहरों की तस्वीर बदली है, इनमें से राजधानी भोपाल भी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने "सकारात्मक सोच" टीम की बहनों के परिश्रम को बधाई दी है और आव्हान किया कि समाज के सभी वर्ग इस सकारात्मक सोच में अपनी सहभागिता करेंगे।
भोपाल टीम ‘सकारात्मक सोच’
प्रधानमंत्री मोदी ने भोपाल की टीम ‘सकारात्मक सोच’ के प्रयासों को उल्लेख किया। ‘सकारात्मक सोच’ टीम की शुरूआत 2 महिलाओं के साथ की गई थी। आज इस टीम से 200 महिलाएं जुड़ गयी हैं। टीम का ध्येय वाक्य ‘डिस्पोजल का बहिष्कार और कचरा मुक्त पृथ्वी का सपना’ है। टीम ने अपनी शुरूआत 25 बर्तन बैंक से की। इसका उद्देश्य था प्लास्टिक को अलविदा कहा जा सके। समूह की महिलाओं ने हजारों कपड़े के थैले मंदिरों और सब्जी मंडियों में निशुल्क बाटें और लोगों में प्लास्टिक का उपयोग न करने के प्रति जागरूकता पैदा की। भोपाल टीम ने 17 पार्कों में श्रमदान किया, जहां कभी कचरे के ढेर हुआ करते थे और आज वहां हरियाली से बागीचे चमन हो गये हैं। भोपाल टीम स्वच्छता की अलख जगाने के लिये दिन-प्रतिदिन नये साथियों से मजबूत हो रही है। टीम ने अनेक जगह नर्सरी और मिनी फॉरेस्ट बनाकर समाज को आस-पास कचरे को कम करने के लिये नया मार्ग दिखाया है। भोपाल टीम में बच्चों को भी जोड़ा गया है उन्हें स्वच्छता दूत बनाकर समाज में स्वच्छता के प्रति संकल्प दिलाया जा रहा है। भोपाल टीम ने शहर के अनेक मंदिरों के आस-पास स्वच्छता की जिम्मेदारी ली है।
भोपाल टीम की महिला सदस्यों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उत्साहवर्धन से टीम को नया जोश मिलेगा और भोपाल में स्वच्छता आंदोलन को और गति दी जा सकेगी।