Anukampa Niyukti : मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में एक नई पहल की शुरूआत होने जा रही है. अब राज्य में विवाहित बेटे के होते हुए विवाहित बेटी को अनुकंपा नियुक्ति का रास्ता खुलने जा रहा है. मध्यप्रदेश में कैबिनेट बैठक में शिवराज सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है जिसके तहत अब बेटियों को भी अनुकंपा नियुक्ति मिल सकेगी। मंगलवार को शिवराज सरकार ने अपने इस फैसले पर सहमति जताई है।
सरकार ने 29 सितंबर 2014 को अनुकंपा से संबंधित प्रावधानों को लेकर जो निर्णय हुआ था उसमे सरकार ने जरूरी संशोधन की बात भी की है। कैबिनेट ने एक एहम फैसला लेते हुए कहा की अनुकंपा नियुक्ति के लिए चाहे बेटा हो या बेटी अब दोनों को ही सामान्य अधिकार है। बेटी अगर विवाहिता है तो भी उसे नियुक्ति दी जाएगी।
इस नीति के तहत राज्य में पहली नौकरी दी जाएगी. इसके तहत कैबिनेट (Shivraj cabinet) राज्य की श्रद्धा मालवी पुत्री स्व. आरएस राठौर को नियु्क्ति का प्रस्ताव देगी. यह राज्य का पहला मामला होगा जब बेटे के होते हुए बेटी को नौकरी दी जाएगी.
हाईकोर्ट के आदेश पर हो रही नियुक्ति
ऐसा बताया जा रहा है कि एमपी राज्य में अनुकंपा नियुक्ति के 550 मामले लंबित पड़े हैं. लेकिन प्रशासन विभाग के सचिव ने कहा है कि ये नीति फिलहाल केवल एक ही मामले के लिए बनी है. बाकि लोगों को अभी इंतजार करना पड़ेगा. लेकिन आज की नियुक्ति के बाद और अन्य लोगों के लिए भी रास्ता खुल जाएगा.
प्रदेश में हैं इतने प्रतिशत महिला मतदाता
वर्तमान में, राज्य में लगभग 5.40 करोड़ मतदाताओं में से 48% से अधिक लगभग 2.61 करोड़ महिला मतदाता हैं. इसके अलावा, राज्य की कुल 230 विधानसभा सीटों में से 18 विधानसभा सीटों (सभी आदिवासी आरक्षित सीटों) में महिला मतदाताओं की संख्या वर्तमान में पुरुष मतदाताओं से अधिक हैं.
क्या है अनुकंपा नीति
अनुकंपा नीति के तहत यदि किसी सरकारी कर्मचारी की नौकरी के दौरान मौत हो जाती है तो उसके परिवार के किसी सदस्य को नौकरी दी जाती है. इसके अतिरिक्त उसके परिजनों को आर्थिक सहायता भी दी जाती है.
इनको मिलता है लाभ
- अनुकंपा नियुक्ति के तहत किसी भी शासकीय कर्मचारी का नौकरी के दौरान मौत होने पर उसके आश्रित एक व्यक्ति को नियुक्ति दी जाती है.
- इसमें दिवंगत शासकीय सेवक की पत्नी या फिर पूर्णतः आश्रित पति को नौकरी मिल सकती है.
- इसके अलावा ऐसी विधवा अथवा तलाकशुदा पुत्री जो दिवंगत शासकीय सेवक की मृत्यु के समय उस पर पूर्णत: आश्रित होकर उसके साथ रह रही हो. उसे नौकरी दी जाती है.
- अगर दिवंगत सरकारी कर्मचारी के पात्र सदस्य न होने की स्थिति में विधवा पुत्रवधु जो शासकीय सेवक की मृत्यु के समय उस पर पूर्णतः आश्रित होकर उनके साथ रह रही हो. उसे भी नौकरी मिल सकती है.
- इस नीति के तहत अविवाहित पुत्री को फायदा मिलता था लेकिन ने एमपी सरकार ये तय किया कि विवाहित पुत्री को भी नौकरी दी जा सकती है.