लोकसभा सांसद और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बीच मतभेद की अफवाहों के बीच उत्तर प्रदेश भाजपा पर निशाना साधा।
यादव ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर हिंदी में एक पोस्ट में कहा- "मानसून ऑफर: सौ लाओ, सरकार बनाओ," सीएम योगी और उपमुख्यमंत्री के बीच मतभेद की अफवाह 14 जुलाई को हुई भाजपा की यूपी कार्यसमिति की बैठक के बाद शुरू हुई थी।
इस बैठक में योगी ने उत्तर प्रदेश में भाजपा की चुनावी हार के लिए 'अति आत्मविश्वास' को जिम्मेदार ठहराया। उसी बैठक में केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि "संगठन सरकार से बड़ा है"।
मौर्य ने आगे कहा कि पार्टी 2027 के विधानसभा चुनावों में भारी बहुमत से जीतेगी। यह बैठक लोकसभा चुनावों में भाजपा के खराब प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में हुई, जहां भाजपा ने राज्य की 80 में से सिर्फ 33 सीटें जीतीं।
अखिलेश यादव का भगवा पार्टी पर यह ताजा हमला यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के एक दिन बाद आया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक ये मुलाकात करीब आधे घंटे तक चली, जिसमें यूपी बीजेपी अध्यक्ष ने शाह को राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति से अवगत कराया। इस मुलाकात के दौरान चौधरी ने राज्य में लोकसभा चुनावों में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी ली, साथ ही कहा कि नतीजे बिल्कुल भी उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे।
चौधरी ने इस बैठक में यह भी कहा कि यूपी में फ्लॉप शो के कारण बीजेपी लोकसभा चुनावों में बहुमत हासिल नहीं कर पाई, जिससे केंद्रीय नेतृत्व को शर्मिंदगी उठानी पड़ी।
इस बीच, यूपी के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता सुनील बराला ने कहा कि भूपेंद्र चौधरी को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए था। बराला ने कहा, "मुझे लगता है कि भूपेंद्र चौधरी को खुद ही इस्तीफा दे देना चाहिए था। अगर उन्होंने ऐसा किया होता, तो कार्यकर्ता वाकई बहुत खुश होते… केशव प्रसाद मौर्य ने जो कहा, वह बिल्कुल सही है… हमने पहले कलराज मिश्र और अन्य नेताओं को इस्तीफा देते देखा है।"