रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने 6000 करोड़ के महादेव बेटिंग ऐप घोटाले की जांच आधिकारिक तौर पर सीबीआई को सौंप दी है। ईडी ने पिछले साल जनवरी में इस पूरे मामले की जांच शुरू की थी, जिसके बाद इसका जिम्मा एसीबी और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को सौंप दिया गया था। गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि, इस मामले में कई तरह के सवाल उठ रहे थे। इसलिए अब केंद्रीय एजेंसी हर पहलू की जांच करेगी।
गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि, 70 केस महादेव ऐप के संबंध में दर्ज किए गए हैं। यह केस स्थानीय थानों में हैं। एक केस ईओडब्ल्यू में भी है। अब यह मामला एक प्रदेश से बढक़र कई राज्यों में फैल रहा है। इसके कुछ मुखिया विदेश में भी रहते हैं। ऐसा सुनने में आया है। इसलिए सीबीआई को केस सौंपने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि, इस विषय पर किसी भी प्रकार की कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। कठोरता के साथ कार्रवाई की जाएगी। जो लोग विदेश में हैं, उन्हें पकडक़र भारत लाने की कार्रवाई भी की जाएगी।
जूस बेचते-बेचते बन गया सट्टेबाजी किंग
कुछ साल पहले तक छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सौरभ चंद्राकर जूस फैक्ट्री के नाम से जूस की दुकान चलाता था। रोड साइड जूस बेचने वाले की आय तो सीमित होती है, लेकिन सौरभ चंद्राकर को कुछ बड़ा करना था, मोटा पैसा कमाना था। पहले तो उसने अपनी जूस की दुकान को ही फैलाना शुरू किया, छत्तीसगढ़ के कई शहरों में जूस फैक्ट्री नाम से दुकानें खुलीं। सौरभ चंद्राकर को जूस बेचने के साथ-साथ सट्टा खेलने की भी आदत थी। पहले वह ऑफलाइन सट्टा खेलता था। लेकिन कोरोना की वजह से ऑनलाइन सट्टा खेलने लगा। लॉकडाउन के दौरान उसने सट्टेबाजी ऐप बनाने का फैसला किया और रवि उप्पल नामक शख्स के साथ महादेव बेटिंग ऐप शुरू कर दिया।
महादेव सट्टा केस की जांच करेगी सीबीआई
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