MP News: इसे विधि का विधान ही कहेंगे कि एक अनजान यात्री की मौत से दुखी युवक खुद ट्रेन की चपेट में आकर मौत के मुंह में समा गया। 30 वर्षीय युवक चेन्नई में क्रेन ऑपरेटर था और जीटी एक्सप्रेस ट्रेन से अपने घर महेंद्रगढ़ (हरियाणा) जा रहा था।
ट्रेन का स्टेशन पर नहीं था स्टॉपेज
मंडीबामोरा स्टेशन पर बुधवार रात जीटी एक्सप्रेस बिना स्टॉपेज के ही आकर खड़ी हो गई। इस दौरान प्रीतम (30) उर्फ रिक्की पिता मुरारी लाल ने देखा कि दूसरे ट्रैक के बीचोंबीच एक व्यक्ति का शव पड़ा है और स्टेशन पर मौजूद लोग उसका वीडियो बना रहे हैं। इससे उनका मन दुखी हो गया और वह ट्रेन से उतरकर स्टेशन ऑफिस पहुंचा और वहां डिप्टी एसएस से बात करने लगा। इस दौरान युवक ने सवाल भी उठाया कि इतनी देर हो गई, लेकिन अभी तक इस शव को क्यों नहीं उठाया गया।
चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश
इसी बीच जीटी एक्सप्रेस के लोको पायलट को ग्रीन सिग्नल मिल गया और ट्रेन स्टेशन से रवाना होने लगी। यह देख प्रीतम दौड़कर ट्रेन में चढ़ने का प्रयास करने लगा, लेकिन ट्रेन की गति से तालमेल नहीं बैठ पाने के कारण उसका पैर फिसला और नीचे गिरने से उनकी मौत हो गई। बता दें कि प्रीतम की डेढ़ साल पहले शादी हुई थी। उनकी एक तीन माह की बेटी भी है।
एक घंटे से पड़ा था शव
इससे पहले कुरवाई, वीरपुर निवासी राजू परिहार (55) स्टेशन पहुंचा। वह सामने खड़ी विंध्याचल एक्सप्रेस को पकड़ने के लिए रेलवे ट्रैक क्रॉस कर दूसरे प्लेटफॉर्म पर जा रहे थे। इसी दौरान करीब पौने नौ बजे नान स्टॉप गोवा एक्सप्रेस वहां से निकली और उसकी चपेट में आकर राजू परिहार की मौत हो गई थी। करीब एक घंटे बाद जब जीटी एक्सप्रेस यहां रुकी, तब भी राजू का शव ट्रैक पर ही पड़ा था।
पोस्टमार्टम उपरांत स्वजन ले गए शव
घटना के बाद स्टेशन पर हड़कंप मच गया। मंडीबामोरा जीआरपी ने दोनों शवों को एक साथ उठाया और सिविल अस्पताल पहुंचाया। प्रीतमक के शव के पास मिले मोबाइल से उसकी पहचान हुई। इसके बाद जीआरपी ने उसके स्वजन को सूचित किया। स्वजन के आने के बाद शाम के समय शव का पोस्टमार्टम हुआ और शव उनके सुपुर्द किया।