जयपुर: खाद्य सुरक्षा योजना के तहत जयपुर जिले में गेहूं परिवहन व्यवस्था लगातार बेपटरी होती जा रही है, जिसके चलते हर महीने गरीबों के लिए आने वाला हजारों क्विंटल गेहूं लैप्स होने की स्थिति में पहुंच रहा है. गेहूं आवंटन और उठाव के विभागीय पोर्टल पर नवंबर माह में गेहूं उठाव की तस्वीर भी अच्छी नहीं दिख रही है. योजना के तहत जिले में 1 लाख 55 हजार क्विंटल गेहूं आवंटित किया गया था. लेकिन गेहूं उठाव की अंतिम तिथि 30 नवंबर तक 81 हजार 790 क्विंटल गेहूं का उठाव हो सका और 73 हजार क्विंटल गेहूं लैप्स हो गया. ऐसे में अब जिले के 14 लाख लाभार्थियों को नवंबर माह में गेहूं के लिए परेशान होना पड़ेगा.
शहर में ही 1 लाख 24 हजार क्विंटल गेहूं लैप्स
ऐसा नहीं है कि सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लाभार्थियों के लिए आने वाला गेहूं ही लैप्स हुआ है. उठाव नहीं होने के कारण जयपुर शहर में भी यही स्थिति बनी है. शहर के लिए 2 लाख 71 हजार क्विंटल गेहूं आवंटित किया गया था. जिसमें से मात्र 1 लाख 46 हजार क्विंटल गेहूं का ही उठाव हो पाया। नवंबर माह का 1 लाख 24 हजार क्विंटल गेहूं लैप्स हो गया। जिस तरह ग्रामीण क्षेत्र के लाभार्थियों को नवंबर माह में गेहूं मिलने में परेशानी होगी, उसी तरह शहर में भी लाभार्थियों को परेशानी होगी।
डीएसओ को दी थी उठान की जिम्मेदारी, लेकिन फेल साबित हुए
सरकार ने गेहूं उठान में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए जिला नागरिक आपूर्ति प्रबंधकों से यह जिम्मेदारी लेकर जिला रसद अधिकारियों को सौंपी थी। लेकिन अब रसद अधिकारी शत-प्रतिशत गेहूं उठान में फेल नजर आ रहे हैं। इस स्थिति का नुकसान लाभार्थियों के साथ सरकार को भी उठाना पड़ रहा है, क्योंकि शत-प्रतिशत गेहूं का उठान नहीं होने से केंद्र सरकार के सामने राज्य सरकार की छवि खराब होती है।