इंदौर: शहर ने स्वच्छता में भले ही सात बार नंबर वन का खिताब हासिल किया हो, लेकिन अभी भी कई नागरिक सड़क पर गंदगी फैलाने और गुटखा खाकर थूकने की आदत नहीं छोड़ रहे हैं। नगर निगम लगातार ऐसे लोगों पर नजर रख रहा है और स्पॉट फाइन के तहत जुर्माना लगाने की कार्रवाई कर रहा है। अकेले जनवरी माह में निगम ने गुटखा थूकने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए साढ़े तीन हजार से ज्यादा लोगों से साढ़े छह लाख रुपए का जुर्माना वसूला है। शहर में पान और गुटखा खाने का चलन कम होने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है, जिसके चलते सड़क किनारे, डिवाइडर और यहां तक कि आवासीय और व्यावसायिक भवनों की दीवारें भी गुटखे की थूक से रंगी नजर आती हैं। नगर निगम इस समय स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारियों में जुटा हुआ है और इसी के चलते लगातार खुले में कचरा फेंकने, पॉलीथिन की थैलियों का उपयोग करने और अन्य स्वच्छता नियमों के उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। इसके बावजूद गुटखा थूकने वालों की संख्या में कोई खास कमी नहीं आ रही है।
अकेले जनवरी में ही 3500 से ज्यादा लोगों पर कार्रवाई, 6.5 लाख रुपए जुर्माना वसूला
आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले साल निगम ने करीब 6500 लोगों पर कार्रवाई कर 7.81 लाख रुपए जुर्माना वसूला था, जबकि इस साल अकेले जनवरी में ही 3500 से ज्यादा लोगों पर सख्त कार्रवाई कर 6.5 लाख रुपए जुर्माना वसूला गया। फरवरी में भी यह सिलसिला जारी है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने दो साल पहले शहर में ‘नो थू-थू’ अभियान की शुरुआत की थी, जिसमें लोगों को सड़कों और डिवाइडर पर थूकने से रोकने के लिए प्रेरित किया गया था। इस अभियान के तहत न सिर्फ लोगों को गुटखा थूकने से रोका गया बल्कि उनसे सफाई भी करवाई गई। इसके बावजूद लोग अपनी यह गंदी आदत नहीं छोड़ रहे हैं और नगर निगम के सफाई कर्मचारियों को बार-बार इन जगहों को धोना और साफ करना पड़ रहा है। इस समय भी शहर के डिवाइडर और सार्वजनिक स्थानों की लगातार सफाई की जा रही है, लेकिन यह समस्या जस की तस बनी हुई है।