Monday, February 24, 2025
Homeबिज़नेसबाइडेन प्रशासन पर जांच की मांग, सांसदों ने कहा – यह निर्णय...

बाइडेन प्रशासन पर जांच की मांग, सांसदों ने कहा – यह निर्णय था बेवकूफी भरा

अमेरिका में 6 सांसदों ने सोमवार को बाइडेन सरकार के जस्टिस डिपार्टमेंट द्वारा अडाणी ग्रुप के खिलाफ की गई कार्रवाई की जांच की मांग की है। इसे लेकर नए अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी को लेटर लिखा है। इन सांसदों ने भारत को अहम साझेदार बताते हुए कहा कि बाइडेन के जस्टिस डिपार्टमेंट की कार्रवाई से अमेरिका को नुकसान पहुंचा है।सांसद लांस गुडेन, पैट फॉलन, माइक हरिडोपोलोस, ब्रैंडन गिल, विलियम आर टिम्मन्स और ब्रायन बेबिन ने कहा कि जस्टिस डिपार्टमेंट की कार्रवाई एक बेवकूफीभरा फैसला था, जिससे भारत जैसे अहम साझेदार से रिश्ते बिगड़ने का डर था। इन्होंने इस पूरी कार्रवाई को एक भटकाने करने वाला कैंपेन बताया था।दरअसल, पिछले साल अमेरिका में उद्योगपति गौतम अडाणी समेत 8 लोगों पर अरबों रुपए की धोखाधड़ी के आरोप लगे थे। आरोप पत्र के मुताबिक अडाणी की कंपनी ने भारत में रिन्यूएबल एनर्जी के प्रोजेक्ट गलत तरीके से हासिल किए। इसके लिए सरकारी अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर यानी करीब 2,029 करोड़ रुपए रिश्वत देने की योजना बनाई।इसके अलावा आरोपियों ने अमेरिकी इन्वेस्टर्स और बैंकों से झूठ बोलकर पैसा इकट्ठा किया। यह पूरा मामला अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा हुआ था। 24 अक्टूबर 2024 को न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में यह केस दर्ज हुआ था।

कहीं भी रिश्वत देने की बात नहीं कही गई आरोप पत्र के मुताबिक यह अमेरिका के फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेस एक्ट (FCPA) का उल्लंघन है। यहां ध्यान देने वाली बात है कि अमेरिकी न्याय विभाग के डॉक्यूमेंट में रिश्वत ऑफर करने और प्लानिंग की बात कही गई। रिश्वत दी गई, ऐसा नहीं कहा गया है।

20 नवंबर 2024 को कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई और ये मामला सबसे सामने आया।

अमेरिका के हितों को चोट पहुंची है

उन्होंने कहा- हम आपसे (पाम बॉन्डी) बाइडेन सरकार के जस्टिस डिपार्टमेंट की जांच करने का अनुरोध करते हैं। इस विभाग ने सिर्फ चुनिंदा मामलों में ही कार्रवाई को आगे बढ़ाया, जबकि कई को छोड़ दिया। इससे भारत से सहयोगी से हमारे रिश्ते खतरे में पड़ गए थे।

चीन को ग्लोबल सप्लाई चेन पर कंट्रोल करने का मौका मिलेगा सांसदों ने कहा कि अमेरिका और भारत एक दूसरे लिए सम्मान भरा नजरिया रखते हैं। राष्ट्रपति ट्रम्प ने हमेशा अमेरिका और भारत जैसी दो आर्थिक और सैन्य शक्तियों के बीच मजबूत रिश्तों को तवज्जो दी है।इस तरह की कार्रवाई से न सिर्फ भारत से संबंध बिगड़ते हैं, बल्कि चीन जैसे देशों को अमेरिकी अर्थव्यवस्था को खत्म करने और बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के जरिए ग्लोबल सप्लाई चेन पर कंट्रोल करने का मौका मिलता है।

अडाणी ग्रुप ने सभी आरोपों आधारहीन बताया था अडाणी ग्रुप सभी आरोपों को आधारहीन बताया था। 21 नवंबर को जारी बयान में ग्रुप ने कहा था- 'अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के डायरेक्टर्स के खिलाफ यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और यूनाइटेड स्टेट्स सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की ओर से लगाए गए आरोप निराधार हैं। हम उनका खंडन करते हैं।'

अडाणी की नेटवर्थ में 1 लाख करोड़ की गिरावट आई थी इस खबर के आने के बाद अडाणी की नेटवर्थ में 1.02 लाख करोड़ रुपए की कमी आई थी। वहीं केन्या ने अडाणी ग्रुप के साथ बिजली ट्रांसमिशन और एयरपोर्ट विस्तार की डील रद्द कर दी। दोनों डील 21,422 करोड़ रुपए की थीं।

RELATED ARTICLES

Contact Us

Owner Name:

Deepak Birla

Mobile No: 9200444449
Email Id: pradeshlive@gmail.com
Address: Flat No.611, Gharonda Hights, Gopal Nagar, Khajuri Road Bhopal

Most Popular

Recent Comments

Join Whatsapp Group
Join Our Whatsapp Group