प्राकृतिक गैस की कीमतों में तेजी से चालू वित्त वर्ष में खाद सब्सिडी 40,000 करोड़ बढ़कर 2.55 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा पहुंच सकती है। 2022-23 के बजट में खाद सब्सिडी पर 2.15 लाख करोड़ खर्च होने का अनुमान था। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने रिपोर्ट में कहा, प्राकृतिक गैस खाद निर्माण के लिए प्रमुख कच्चा माल है। लेकिन, फरवरी में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से प्राकृतिक गैस के दाम कई गुना बढ़ चुके हैं। रूस प्राकृतिक गैस का दुनिया का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है।
इसके अलावा,सरकार ने भी एक अप्रैल, 2022 से घरेलू स्तर पर उत्पादित गैस की कीमतों में 150% की भारी वृद्धि की है। क्रिसिल के निदेशक नवीन वैद्यनाथन ने कहा, यूक्रेन युद्ध के बीच तिमाही आधार पर जुलाई-सितंबर में गैस की कीमतें 10 फीसदी बढ़ी हैं।उन्होंने बताया, गैस की कीमत में एक डॉलर की वृद्धि से घरेलू स्तर पर उत्पादित खाद पर सब्सिडी का बोझ 7,000 करोड़ रुपये बढ़ जाता है।
आरबीआई ने 3 नवंबर को मौद्रिक नीति समिति की विशेष बैठक बुलाई है। इसमें महंगाई को लगातार तीन तिमाहियों तक 6% से नीचे रखने में केंद्रीय बैंक के नाकाम रहने से जुड़ी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। केंद्रीय बैंक ने बृहस्पतिवार को कहा, आरबीआई अधिनियम की धारा 45जेडएन के प्रावधानों के अनुरूप एमपीसी की 3 नवंबर को विशेष बैठक बुलाई गई है। इस धारा में प्रावधान है कि महंगाई को तय सीमा के भीतर रख पाने में नाकाम रहने पर केंद्रीय बैंक को इस संबंध में सरकार को रिपोर्ट देनी होती है।