नई दिल्ली। अपनाघर होना हर किसी का सपना होता है। भले ही उसे घर खरीदने के लिए होम लोन लेना पड़े। क्योंकि जो लोग घर को किराए पर लेकर रहते हैं। उनका मानना है कि जितना वह घर का किराया दे रहे हैं उसमें कुछ और पैसे लगाकर खुद का घर खरीदकर होम लोन की ईएमआई दे सकते हैं। कई लोग ऐसे हैं जो किराए के घर में रहने की वजह खुद का घर खरीदना पसंद करते हैं। लेकिन आपको पहले यह चेक कर लेना चाहिए कि आपको घर खरीदने या और घर किराए पर लेने में किसमें ज्यादा फायदा है। आज हम यहां आपको हाउस रेंट या घर खरीदकर होम लोन ईएमआई के फायदे के बारे में बताएंगे।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि भले ही एक घर का मालिक होना आम तौर पर हर भारतीय का सपना होता है, लेकिन प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों ने विशेष रूप से मेट्रो सिटी जैसे शहरों में लोगों को खरीदने की अपेक्षा किराए पर लेना पसंद किया है। दूसरी ओर कई लोग जो घर का खर्च उठा सकते हैं, उन्हें किराए पर लेने और खरीदने के बीच चयन करना चाहिए। भारत में जो लोग घर का खर्च उठा सकते हैं, वे घर के मालिकाना हक को उन लोगों की तुलना में अधिक महत्व देते हैं, जो किराए पर लेना एक मध्य आधार के रूप में कार्य करते हैं।
घर खरीदने के ये हैं फायदे
किराए के घर को मकान मालिक कभी भी आपसे खाली करने को कह सकते हैं। जबकि अपना खुद का घर होने से यह सब नहीं झेलना पड़ता है। इसके अतिरिक्त यह वित्तीय लाभों को बढ़ाता है। एक घर किराए पर लेना आपकी प्रॉपर्टी बनने से रोकता है, जबकि एक घर खरीदना सबसे अच्छा निवेश है क्योंकि यह जीवन भर चलता है और समय के साथ साथ इसकी कीमत बढ़ती जाती है।
प्रॉपर्टी की बढ़ती लागत और अन्य खर्चों के कारण ज्यादातर लोग घर खरीदने में सक्षम नहीं होते है। वहीं कई वर्किंग प्रोफेशनल का मानना है कि बढ़ते खर्चों के साथ उनकी आय समान रहती है। साथ ही आप जो किराया चुकाते हैं, वह आपकी ईएमआई से बहुत कम होता है। हालांकि यह एक शहर से दूसरे शहर में अलग हो सकता है, अधिकांश महानगरीय क्षेत्रों में इसका अनुभव देखने को मिलता है।
घर खरीदने के खर्चे
बता दें कि घर खरीदने में कई तरह के खर्चे होते है। लेकिन आप केवल ईएमआई ही नहीं देते हैं, बल्कि डाउन पेमेंट पहली चीज है जो आपकी फाइनेंशियल कंडीशन को प्रभावित करती है। यह आपके घर खरीदने के लिए आवश्यक कुल एडवांस लागत का एक हिस्सा है। परिस्थितियों के आधार पर आपके बैंक की ओर से संबंधित कानूनी खर्च और अन्य कमीशन और चार्जेज भी लगाए जा सकते हैं। लेन-देन का रजिस्ट्रेशन चार्ज और कोई भी लागू टैक्स इससे अलग हैं। लेकिन किराए के घर में किसी प्रकार का कोई झंझट नहीं रहता है और घर खरीदने पर लगने वाले चार्जेज और होम लोन इंटरेस्ट से छूटकारा मिलता है।
किराए पर घर लेना है ज्यादा आसान
इसके अलावा जब तक आप होम लोन की ईएमआई चुकाते हैं तब तक आप घर की मूल रकम से इंटरेस्ट के साथ दोगुना ज्यादा पैसा घर खरीदने में लगा चुके होते हैं। इसलिए खरीदने के बजाय किराए पर घर लेना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। क्योंकि घर किराए पर लेना खरीदने से कम खर्चीला होता है। किराएदार आमतौर पर खरीदारों की तुलना में विभिन्न सुविधाओं, अकमंडेशन चार्ज आदि के लिए कम भुगतान करते हैं। इसलिए लोग किराए पर घर लेना ज्यादा पसंद करते हैं।
अगर आप खुद का घर लेने का सोच रहे हैं तो खरीदने और किराए के घर के खर्चों की जांच कर लें, नहीं तो आपको बाद में पछताना पड़ सकता है। क्योंकि एक घर खरीदने की तुलना में किराए पर घर लेना आम लोगों के लिए सस्ता है। इसलिए मौजूदा समय में लोग घर खरीदने की बजाय रेंट पर लेना पसंद कर रहे हैं। क्योंकि होम लोन ईएमआई की अपेक्षा हाउस रेंट बेहतर है।