शेयर बाजार| लिस्टेड देसी कंपनियों के नतीजे लगातार तीसरी तिमाही में सुस्त रहे। कोविड प्रभावित वित्त वर्ष 2020-21 के बाद पहली बार किसी फाइनेंशियल की लगातार तीन तिमाही में कंपनियों के नतीजे सुस्त रहे हैं। ज्यादातर एनालिस्ट्स ने कंपनियों के तीसरी तिमाही के नतीजे सुस्त रहने के अनुमान लगाया था। कंजम्प्शन में कमजोरी और कमोडिटीज से दबाव के कारण अर्निंग्स पर भारी दबाव बना हुआ है। जबकि BFSI, हेल्थकेयर, कैपिटल गुड्स और टेक्नोलॉजी ने मजबूत प्रदर्शन दर्ज किया है।देसी कंपनियों के लिए दिसंबर तिमाही अर्निंग्स डाउनग्रेड के आधार पर वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही के बाद सबसे ज्यादा खराब रही। इस दौरान निफ्टी-50 की अर्निंग्स ग्रोथ धीमी पड़ गई और बाजार में गिरावट के रूप में इसका असर देखना को मिला।ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने अपनी क्वार्टर रिपोर्ट में कहा कि एमओएसएल यूनिवर्स में शामिल निफ्टी-50 की कंपनियों का प्रॉफिट आफ्टर टैक्स दिसंबर तिमाही में सालाना आधार पर केवल 4% बढ़ा। जबकि FY20-24 के दौरान यह 20% की CAGR से बढ़ा था।ब्रोकरेज ने कहा वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में निफ्टी50 की कंपनियों का प्रदर्शन भी कमजोर रहा। इसका मुख्य कारण बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर रहा। हालांकि, टेक्नोलॉजी, टेलीकॉम, हेल्थकेयर, कैपिटल गुड्स और रियल एस्टेट सेक्टर ने ग्रोथ में योगदान दिया।
PSU बैंकों को क्रेडिट लागत में कमी से हुआ फायदा
मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक़, कंपनियों की कुल आय दिसंबर तिमाही में सालाना आधार पर 6% बढ़ी (अनुमान 7%), जबकि निफ्टी-50 की अर्निंग्स में सालाना आधार पर 5% की वृद्धि दर्ज की गई। वैश्विक कमोडिटीज (मेटल्स और तेल-गैस) के कमजोर प्रदर्शन का असर बाजार पर पड़ा। बीएफएसआई कंपनियों की दिसंबर तिमाही में कमाई सालाना आधार पर 11% और PSU बैंकों की 24% बढ़ी। वहीं, टेक्नोलॉजी कंपनियों की इनकम में सालाना आधार पर 9%, टेलीकॉम, हेल्थकेयर कंपनियों में 25%, कैपिटल गुड्स में 20% और रियल एस्टेट कंपनियों की इनकम में 60% की वृद्धि हुई। दूसरी तरफ, ऑइल-गैस कंपनियों की इनकम दिसंबर में सालाना आधार पर 11%, सीमेंट कंपनियों की 55%, केमिकल कंपनियों की 12% और कंज्यूमर कंपनियों की 5% घट गई। इन सेक्टर्स ने ओवरऑल अर्निंग्स ग्रोथ को प्रभावित किया।
लगातार तीसरी तिमाही में निफ्टी50 कंपनियों में सिंगल-डिजिट ग्रोथ
निफ्टी-50 की कंपनियों के प्रॉफिट आफ्टर टैक्स में दिसंबर तिमाही के दौरान सालाना आधार पर 5% की ग्रोथ दर्ज की गई। यह जून 2020 के बाद पहली बार लगातार तीन तिमाही में सिंगल-डिजिट ग्रोथ रही। भारती एयरटेल, एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, हिंडाल्को और रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कुल अर्निंग्स ग्रोथ में 111% योगदान दिया। जबकि कोल इंडिया, ओएनजीसी, टाटा मोटर्स, जेएसडब्ल्यू स्टील और इंडसइंड बैंक ने नेगेटिव प्रभाव डाला।
लार्ज-कैप स्थिर, मिड-कैप बेहतर, स्मॉल-कैप में गिरावट
मोतीलाल ओसवाल कवरेज यूनिवर्स में शामिल 84 लार्ज कैप कंपनियों ने दिसंबर तिमाही में अनुमानों के मुताबिक प्रदर्शन किया। इनकी अर्निंग्स ग्रोथ सालाना आधार पर 5% रही, जो अनुमानों के अनुरूप थी। वही, मिडकैप की 87 कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ 17% अनुमान के मुकाबले 26% रही। इसमें फाइनेंशियल्स, कमोडिटीज और रिटेल ने मुख्य योगदान दिया।इसके अलावा स्मॉलकैप की 121 कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ में बड़े पैमाने पर कमजोरी देखने को मिली। इनकी अर्निंग्स ग्रोथ दिसंबर तिमाही के दौरान सालाना आधार पर 24% घट गई। इसमें से 56% कंपनियों का प्रदर्शन अनुमानों से कमजोर रहा। लार्ज-कैप और मिड-कैप यूनिवर्स में क्रमशः 29% और 43% कंपनियों का प्रदर्शन अनुमानों से कमजोर रहा।
बाजार में गिरावट के बीच कहां लगाए पैसा
ब्रोकरेज ने निवेश के लिहाज से अपने पसंदीदा स्टॉक्स बताए है। इनमें लार्ज कैप स्टॉक्स के रूप में रिलायंसइंडस्ट्रीज, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई, हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसे स्टॉक्स शामिल हैं। वहीं, मिडकैप स्टॉक्स में इंडियन होटल्स, डिक्शन टेक्नोलॉजीस और जेएसडब्ल्यू एनर्जी जैसे स्टॉक रिकमेंड किए हैं।