सऊदी अरब और भारत सहयोग करके देश में दो रिफाइनरियों की स्थापना करेंगे। यह घोषणा दोनों देशों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंगलवार की सऊदी अरब यात्रा के बाद की। सऊदी अरब का भारत में यह निवेश कई क्षेत्रों में पूर्ववर्ती 100 अरब डॉलर की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। दोनों देशों ने बुधवार को जारी संयुक्त वक्तव्य में कहा कि ऊर्जा, पेट्रोरसायन, आधारभूत ढांचा, तकनीक, फिनटेक, डिजिटल आधारभूत ढांचा सहित अन्य क्षेत्रों में निवेश किया जाएगा।
सऊदी अरामको महाराष्ट्र में प्रस्तावित वेस्ट कोस्ट रिफाइनरी की स्थापना में बेहद इच्छुक था। लेकिन सरकार ने परियोजना पर कार्य बेहद धीमी गति से चलने के कारण नए सिरे से रूपरेखा तैयार की है। यह परियोजना महाराष्ट्र के नानर क्षेत्र में लगाई जानी है।
इस रिफाइनरी की पहली बार घोषणा 2015 में हुई थी। इस 44 अरब डॉलर की परियोजना का अद्वितीय लक्ष्य 60 एमएमटीपीए है। महाराष्ट्र में पूर्ववर्ती शिवसेना के नियंत्रण वाली और भाजपा के नेतृत्व सरकार सरकार ने इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना के मुद्दे पर अपना रुख कई बार बदला था। इसका परिणाम यह हुआ कि सरकार ने अपेक्षाकृत कम क्षमता की रिफाइनरियों की स्थापना की योजना बनाई। इनकी क्षमता 20 एमएमटीपीए है।