अगर आप खुद या आपके परिवार में से कोई केंद्र सरकार का कर्मचारी है तो यह खबर आपको उदास कर देगी. जी हां, केंद्र सरकार की तरफ से 65 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा झटका दिया गया है. सरकार की तरफ से छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर बढ़ाए जाने के बाद कर्मचारियों को जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) पर ब्याज दर बढ़ने की उम्मीद थी. लेकिन सरकार ने लगातार 14वीं तिमाही में जीपीएफ (GPF) पर ब्याज दर में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है. ब्याज दर नहीं बढ़ने से कर्मचारियों को झटका लगा है.
1 अप्रैल से ब्याज दर में किया बदलाव
सरकार ने जनरल प्रोविडेंट फंड अप्रैल-जून 2023 तिमाही के लिए सीपीएफ ब्याज दर को बिना किसी बदलाव के लागू कर दिया है. आपको बता दें वित्त मंत्रालय की तरफ से पिछले दिनों 1 अप्रैल से चुनिंदा छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर में बदलाव किया गया था. अब सरकार की तरफ से जनरल प्रोविडेंट फंड की ब्याज दर नहीं बढ़ाने का फैसला किया गया है. इससे ब्याज दरें बढ़ने की उम्मीद लगा रहे निवेशकों को झटका लगा है.
लगातार 14वीं तिमाही नहीं बदली ब्याज दर
आपको बता दें पिछली 13 तिमाही से जीपीएफ की ब्याज दर में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है. 14वीं बार भी ब्याज दर पहले की तरह ही है. वित्त मंत्रालय की तरफ से अप्रैल से जून तिमाही में (1 अप्रैल 2023 से 30 जून 2023 तक) सामान्य भविष्य निधि में जमा राशि और अन्य समान निधि पर ब्याज दर 7.1 प्रतिशत पर कायम रखने का ऐलान किया है.
जीपीएफ किसे मिलता है?
जनरल भविष्य निधि (GPF) केवल सरकारी कर्मचारियों को दिया जाता है. जीपीएफ के तहत सरकारी कर्मचारियों को अपनी सैलरी का एक निश्चित प्रतिशत सामान्य भविष्य निधि (GPF) में निवेश करने की अनुमति हाती है. नौकरी के दौरानल जमा हुई कुल राशि का भुगतान कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय किया जाता है. वित्त मंत्रालय की तरफ से हर तिमाही जीपीएफ पर ब्याज दर में बदलाव किया जाता है.