Shani Jayanti : ज्योतिष के अनुसार हर व्यक्ति को शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का सामना करना पड़ता है। शनि देव के उपाय और पूजन से शनि दोष दूर होता है। देश में ऐसे प्रसिद्ध शनि धाम हैं, जहां शनि देव के दर्शन मात्र से ही शनि दोष दूर हो जाते हैं। आइये जानें शनि के सिद्ध पीठों के बारे में कुछ खास बातें।
शनि मंदिर का प्रभाव इतना जाता है कि मंदिर परिसर ही नहीं पूरे गांव में आज तक किसी ने अपने घर में ताला नही लगाया इसी बात से अन्दाज लगाया जा सकता है कि ये कितना प्रभावशाली शनि धाम है। शु्क्रवार 19 मई 2023 को कर्मफलदाता शनि देव की जयंती है।
शनि जयंती के दिन शनि देव की कृपा प्राप्त करने और शनि दोष से मुक्ति के लिए भक्त पूजा-पाठ करते हैं।
ये हैं देश के प्रसिद्ध शनि धाम
शनिश्चरा मन्दिर:
ग्वालियर के इस मंदिर में स्थापित शनि पिंड महावीर हनुमानजी के द्वारा लंका से फ़ेंका हुआ अलौकिक शनिदेव का पिण्ड है, शनिचरी अमावस्या को यहां मेला लगता है। और भक्त शनि देव पर तेल चढाकर उनसे गले मिलते हैं। साथ ही पहने हुये कपडे जूते आदि वहीं पर छोड़ कर समस्त दरिद्रता को त्याग कर और कलेशों से छूट कर अपने अपने घरों को चले जाते हैं। मान्यता है कि इस पीठ की पूजा करने पर भी तुरन्त फ़ल मिलता है।
कोकिलावन धाम: मथुरा जिले में स्थित शनि देव के इस सिद्ध मंदिर को कोकिलावन धाम के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि यहां लगातार सात शनिवार शनि देव को तेल चढ़ाने से शनि दोष समाप्त हो जाता है। पौराणिक मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने शनि देव को इसी स्थान पर कोयल के रूप में दर्शन दिए थे। इसलिए इस मंदिर में शनि देव के साथ ही भगवान कृष्ण और राधा की भी पूजा होती है।
शनि धाम मंदिर: देश की राजधानी नई दिल्ली के छतरपुर में शनि देव का शनि धाम मंदिर स्थित है। यहां शनि देव की भव्य प्रतिमा है। प्रत्येक शनिवार यहां भक्तों की भारी भीड़ होती है। यहां शनि देव के दर्शन और पूजन से शनि दोष दूर होता है।
शनि मंदिर: कर्नाटक के तुमकुर जिले में स्थित शनि देव के इस मंदिर में शनि देव कौए पर विराजमान हैं। इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि यहां शनि देव की विधि-विधान से पूजा करने से सभी तरह के कष्टों और शनि दोष से मुक्ति मिलती है।
तिरुनल्लरु मन्दिर : तमिलनाडु के तंजावुर जिले में स्थित यह मंदिर भी शनि देव को समर्पित है। यह मंदिर दो नदियों के बीच स्थित है। यहां शनि देव के साथ भगवान शिव के दर्शन और पूजन से कुंडली से जुड़े सभी दोष दूर होते हैं। शनि देव जब राशि परिर्तन करते हैं तब इस मंदिर में विशेष पूजा होती है।