असम। आदिवासी समुदाय के लोग शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के भोजन करते हैं। लेकिन वे लोग मुख्य रूप से उन्हें मांसाहारी भोजन करना पंसद होता हैं। उत्तर पूर्व के कई राज्यों के आदिवासी समुदायों एक ऐसी डिश खाना पसंद है जो कीड़े से बनी हैं। इस डिश का नाम पोलू डिश है।
एरी पोलू’ या रेशम कीट डिश एक ऐसी ही परंपरागत डिश है, जो असम सहित उत्तर पूर्व के कई राज्यों के आदिवासी समुदायों में लोकप्रिय है।
करोड़ डॉलर का कारोबार
उत्तर पूर्व में रेशम के कीटों या पोलू की कई प्रजातियां पाई जाती हैं, जिन्हें एंडी या इरंडी भी कहा जाता है। इस कुछ लोग घर में पालते है। इसे दो मुख्य कारणों से इन लार्वों को अपने घर में पालते हैं। पहला रेशम का धागा प्राप्त करने के लिए और दूसरा इसको खाने के लिए। पोलू डिश बनाने की कई विधियां असम के जातीय समुदायों में प्रचलित हैं। इसे पकाने की विधियां पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही हैं। अमरीकी ग्लोबल मार्केट इनसाइट्स की रिपोर्ट के मुताबिक़ उच्च-प्रोटीन और सुविधाजनक खाद्य पदार्थों की बढ़ती मांग के कारण खाने लायक़ कीड़ों का बाज़ार 2017 के 5.5 करोड़ डॉलर से बढ़कर 2024 में 71 करोड़ डॉलर हो जाएगा।
डिश बनाने की विधि-
एरी पोलू के कोकून को एक चम्मच सोडा के साथ पानी में उबालें।
इसके बाद कोकून से एरी पोलू को निकाल लें।
सरसों का तेल गर्म करें और इसमें प्याज को भूरा होने तक पकाएं।
अदरक और लहसुन का पेस्ट, हल्दी और स्वाद अनुसार नमक डालें।
छोटे-छोटे टुकड़ों में काटे गए कदीमा और आलू के टुकड़ों को तेल में तब तक तलें जब तक कि वे आधे पक न जाएं।
इसमें थोड़ा गरम पानी डालें और इसे पकने दें।
जब कदीमा, आलू और एरी पोलू पक जाएं तो इसमें थोड़ा धनिया पत्ता डालें और इसे गैस से उतार लें और चावल के साथ खाने के लिए परोस लें।
रेशम कीट प्यूपा प्रोटीन, वसा, मिनरल्स और विटामिन का अच्छा स्रोत है। परंपरागत भोजनों की तुलना में इनमें पोषण तत्वों जैसे प्रोटीन, फैट और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा काफी ज्यादा होती है और इस तरह के प्रति 100 ग्राम भोजन से 230 कैलोरी प्राप्त होती है। इसलिए, अगर आप अपने भोजन में रेशम कीट को शामिल करना चाहते हैं तो यह पोषक तत्वों की दैनिक जरूरत पूरा करने का एक बहुत ही अच्छा स्रोत साबित हो सकता है।
खाने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
यह डिश आपको जितना भी अच्छा लगे, इसे खाने से पहले कृपया हर तरह से यह सुनिश्चित कर लें कि आपको इनको खाने से किसी तरह की एलर्जी न हो। यह प्रोटीन का नया स्रोत आपके स्वास्थ्य के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है। इसे खाने से एलर्जी हो सकती है, जो आपके लिए घातक हो सकती है।