Friday, March 29, 2024
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भोपाल के अवधपुरी में 2 टन वजनी हांडी में बनी 3700 KG खिचड़ी, इसी के साथ दर्ज हुआ वर्ल्ड रिकॉर्ड

भोपाल के अवधपुरी में एक अनोखा विश्व रिकॉर्ड बन गया. हालांकि अभी इसकी औपचारिकता बाकी है. यहां 3700 KG खिचड़ी तैयार की गई है. शिमला के बाद अब भोपाल में हजारों किलो सब्जियों के साथ 3700 किलोग्राम खिचड़ी बनाने का रिकॉर्ड गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होने जा रहा है. यह खिचड़ी 2 टन की कढ़ाई में पकाई गई है.

भोपाल के अवधपुरी के साईं मंदिर में हजारों किलो खिचड़ी बनाई गई है. इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया गया है. दरअसल भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड यानी (बीएचईएल) के एक कर्मचारी रमेश कुमार महाजन 37 साल बाद नौकरी से रिटायर हो रहे हैं. ऐसे में अपने रिटायरमेंट पर वे 3700 किलोग्राम खिचड़ी बनवाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम कर रहे हैं.

3.80 क्विंटल सब्जी का खिचड़ी में हुआ उपयोग

इस खिचड़ी को बनाने में 3 क्विंटल से ज्यादा सब्जी का इस्तेमाल किया गया है. खिचड़ी में 65 किलो आलू, 65 किलो कद्दू, 65 किलो गोभी, 65 किलो पत्ता गोभी, 25 किलो गाजर, 50 किलो बरबटी, 4 किलो अदरक, 7 किलो हरा धनिया, 30 किलो टमाटर का इस्तेमाल किया गया है. 350 किलो चावल, 60 किलो हरी मूंग दाल, 40 किलो तुअर दाल, 20 किलो चना दाल, 40 किलो मटर, 15 किलो मूंगफली दाना, 104 लीटर तेल, 3 किलो मखाना सहित मसालों से खिचड़ी तैयार की गई है. 3700 किलोग्राम खिचड़ी मंदिर परिसर में 2 टन 40 किलो यानि दो हजार किलो की कड़ाई में खिचड़ी तैयार हुई है

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रमेश महाजन ने करीब 6 महीने पहले ही रिकॉर्ड बनाने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था. खिचड़ी पकाने से लेकर सब्जियों के काटने तक और खिचड़ी के तैयार होकर लोगों को बांटने की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी हुई है. नगर निगम की टीम वीडियोग्राफी करने के साथ ही खिचड़ी का वजन भी तौलेगी. इसके बाद वीडियो ग्राफी गिनीज बुक को भेजी जाएगी. अब तक सबसे ज्यादा किलो खिचड़ी तैयार करने का रिकॉर्ड शिमला के मंडी में है. यहां जनवरी 2020 में 1995 किलो खिचड़ी बनाने का रिकॉर्ड है, लेकिन अब भोपाल में 3700 किलो खिचड़ी के साथ नया रिकॉर्ड बनने जा रहा है.

जेसीबी से भी तैयार हुई थी खिचड़ी

रमेश कुमार महाजन भेल में टेक्नीशियन ग्रेड-1 पर बीते 37 साल से अपनी सेवा दे रहे थे. 24 अप्रैल को ही महाजन भेल से रिटायर हुए हैं. नौकरी पूरी होने पर ही उन्होनें 3700 किलो ग्राम खिचड़ी बनाने का संकल्प लिया था. अपनी रिटायरमेंट पर खिचड़ी खिलाने का बड़ा आयोजन कर रहे हैं. महाजन सांई मंदिर के व्यवस्थापक भी हैं. स्थापना के बाद साल 2011 से हर साल मंदिर में खिचड़ी प्रसादी के भंडारे का आयोजन होता है. एक बार तो जेसीबी की मदद से भी मंदिर में खिचड़ी तैयार की गई थी

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