Sunday, June 4, 2023
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किसानों का लंबा इंतजार, सरकार ढाई साल में तय नहीं कर पाई सब्जियों की एमएसपी

भोपाल : अब से करीब ढाई साल पहले यानी अक्टूबर-नवंबर, 2020 में राज्य सरकार ने प्रदेश में सब्जियों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करने की दिशा में काम शुरू किया था, तो जोखिम उठाकर सब्जी की खेती करने वाले किसानों को आस जगी थी कि उन्हें मेहनत का उचित दाम मिल सकेगा, लेकिन बाद में यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया और सब्जियों की एमएसपी तय नहीं हो पाई। मजेदार बात यह है कि नवंबर, 2020 में एक उच्च स्तरीय बैठक में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उद्यानिकी विभाग के अफसरों को सब्जियों की एमएसपी के संबंध में दो दिन में रिपोर्ट तैयार कर उन्हें देने के निर्देश दिए थे, ढाई साल हो गए, लेकिन अब तक सब्जियों की एमएसपी निर्धारित नहीं हो पाई। उद्यानिकी मंत्री का कहना है कि सब्जियों की एमएसपी तय करने का नहीं, बल्कि सब्जियों की भंडारण क्षमता बढ़ाने का निर्णय सरकार ने लिया था।

दरअसल, सही दाम नहीं मिलने से प्रदेश के सब्जी उत्पादक किसान परेशान रहते हैं। सब्जी की फसल आते ही दाम अचानक गिर जाते हैं, जिससे उन्हें घाटा होता है। मप्र के अलावा अन्य राज्यों का यही हाल है। किसानों को घाटे से बचाने के लिए केरल सरकार ने वर्ष 2020 में फल और सब्जियों की एमएसपी तय कर उसे लागू कर दिया था। इसे देखते हुए मप्र सरकार ने भी केरल की तर्ज पर प्रदेश में सब्जियों की एमएसपी तय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। मुख्यमंत्री ने इस सिलसिले में अक्टूबर-नवंबर, 2020 में अफसरों के साथ दो दौर की बैठकें भी की थीं। सीएम ने अफसरों से कहा था कि हमारा किसान दिन-रात पसीना बहाकर उत्पादन करता है, लेकिन अधिक मुनाफा बिचौलिए ले जाते हैं। ऐसी बाजार व्यवस्था विकसित करें, जिससे किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिले। सब्जियों के थोक व खुदरा मूल्य में अधिक अंतर नहीं होना चाहिए। सब्जियों के न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किए जाने के संबंध में रिपोर्ट तैयार की जाए। किसानों को उनकी सब्जियों आदि उपज का समुचित मूल्य दिलवाना हमारा लक्ष्य है। इसके लिए अन्य राज्यों की व्यवस्थाओं का अध्ययन कर सब्जियों के न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किए जाने संबंधी रिपोर्ट तैयार कर उनके समक्ष दो दिन में प्रस्तुत की जाए। सूत्रों का कहना है कि सीएम के निर्देश के बाद उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों की टीम केरल के दौरे पर भी गई थी। हरियाणा की भावांतर योजना का भी अध्ययन किया गया था। बाद इस तरफ सरकार ने ध्यान नहीं दिया। उद्यानिकी राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाहा और कृषि मंत्री कमल पटेल ने भी उस समय सब्जियों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किए जाने को लेकर बड़ी-बड़ी बातें की थीं, लेकिन अब वे भी इस मामले में सीधे तौर पर कुछ कहने से बच रहे हैं।

केरल में 21 सब्जी-फलों के दाम तय

केरल में एक नवंबर, 2020 सब्जियों की एमएसपी पर सब्जियों की खरीदी शुरू हो गई है। केरल सरकार ने कुल 21 सब्जियों और फलों पर के लिए एमएसपी का निर्धारण किया है। केरल देश का पहला राज्य है, जिसने सब्जी-फलों की एमएसपी का निर्धारण कर उसे सबसे पहले लागू किया है।

केरल में फल और सब्जी की एमएसपी

  • केला – 30
  • अनन्नास – 15
  • लौकी – 9
  • खीरा – 8
  • करेला – 30
  • टमाटर – 8
  • ग्वारफली – 34
  • भिंडी – 20
  • पत्तागोभी – 11
  • गाजर – 21
  • आलू – 20
  • बींस -28
  • चुकंदर – 21
  • चचींडा – 16
  • सूरन – 12
    (भाव रुपए प्रति किलो)
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