नई दिल्ली । प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाय) को शुरू हुए 4 साल हो चुके हैं इन चार सालों में हर महीने हितग्राहियों अथवा लाभार्थियों के लिए बनाए कार्डों ने इस महीने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इस महीने 1.36 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं जो योजना की शुरुआत के बाद से किसी भी महीने में सबसे अधिक है। इससे पहले मार्च 2021 में आयुष्मान कार्ड का आंकडा 1 करोड़ को पार करके 1.06 करोड़ तक पहुंचा था हालांकि उस दौरान ‘आपके द्वार आयुष्मान’ नाम से एक विशेष अभियान चलाया गया था। इतना ही नहीं इस साल के अंत तक दावा भुगतान का आंकड़ा 50000 करोड़ के पार जा सकता है। अब तक 48720 करोड़ के मुफ्त चिकित्सकीय उपचार के दावों का निपटारा हो चुका है।
भारत में इस योजना के तहत 50 करोड़ से ज्यादा लाभार्थी आते हैं जिनके परिवार को हर साल 5 लाख रुपए का मेडिकल इंश्योरेंस सरकार की ओर मिलाता है। योजना के तहत अभी तक करीब 20 करोड़ आयुष्मान कार्ड जारी किये जा चुके हैं। मिली जानकारी के मुताबिक किसी को भी आयुष्मान कार्ड नहीं होने की सूरत में इलाज के लिए मना नहीं किया जा सकता है बल्कि जब वह उपचार के लिए आता है तभी उसका कार्ड बना दिया जाता है।
पिछली जुलाई में स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के नेतृत्व में इस योजना को गति मिली। पिछली जुलाई तक महज 11 करोड़ आयुष्मान कार्ड ही जारी हुए थे यानी योजना लागू होने के 32 महीनों में यह आकंड़ा हासिल किया गया था। वहीं मंडावी के स्वास्थ्य मंत्री का पद संभालने के बाद महज 16 महीनें में यह आंकड़ा 20 करोड़ के पार पहुंच गया। स्वास्थ्य मंत्री ने मिशन मोड पर अधिकतम हितग्राहियों को आयुष्मान कार्ड जारी किए जाने पर विशेष ध्यान दिया।
अधिकारियों का कहना है कि हमारा लक्ष्य है कि इस वित्तीय वर्ष के समाप्त होने तक हम 25 करोड़ का आंकडा पार कर लें। अधिकतम आयुष्मान कार्ड भाजपा शासित तीन राज्यों में मध्य प्रदेश (3.3 करोड़) उत्तर प्रदेश (2.3 करोड़) और गुजरात (1.63 करोड़) में जारी किए गए इसके बाद छत्तीसगढ़ (1.6 करोड़) और कर्नाटक (1.17करोड़) का नंबर आता है। हालांकि गैर भाजपा शासित राज्य जैसे तमिलनाडु (84 लाख) केरल (45 लाख) राजस्थान (39 लाख) में योजना के तहत अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या सबसे ज्यादा रही।