सुरंग खोदकर कानुपर में सचेंडी स्थित SBI बैंक में सोने की चोरी हुई। चोरों ने पहले पुरी प्लानिंग की, फिर बैंक के पीछे से 8 फीट सुरंग खोदी और लगभग 2 किलो सोना ले गए। यह घटना बुधवार देर रात की है। चोरों ने इतनी सफाई से काम किया कि बैंक का अलार्म भी नहीं बजा। गुरुवार सुबह जब बैंक स्टॉफ पहुंचा तो वारदात का पता चला। पुलिस का मानना है कि चोरों ने वारदात के लिए कई दिन की प्लानिंग की होगी। पुलिस को शक बैंक के अधिकारियों पर भी है।
प्लानिंग की, सुरंग बनाई ऐसी जो सिधे स्ट्रांग रूम में खुली
चोरों ने बैंक के पिछले हिस्से से सुरंग बनाई। जो सीधे जाकर स्ट्रांग रुम में जाकर खुली, उसके बाद ड्रिल मशीन की मदद से फर्श तोड़कर अंदर घुसे। स्ट्रांग रूम के लॉकर को गैस कटर से काटकर करीब 2 किलो सोना चुरा लिया।
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सोना ले गए, 35 लाख का कैश छोड़ गए
चोरी की सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच कीतो पता चला की गोल्ड के ठीक बगल में एक और पेटी रखी थी। इसमें 35 लाख रुपए थे, लेकिन चोरों ने उसे छुआ तक नहीं। सवाल उठता है कि आखिर चोरों ने इस बैंक को क्यों चुना? चोर जब सुरंग खोद रहे थे और ड्रिलिंग कर रहे थे तो किसी को भनक तक नहीं लगी। इस बैंक के सामने ही पुलिस का पिकेट प्वाइंट भी है। वारदात वाली रात भी पुलिस की PRV रात 11 बजे से 1 बजे तक खड़ी रही है। इसके बाद भी शातिर चोरों ने आराम से बैंक में सुरंग बनाकर चोरी की वारदात को अंजाम दिया और किसी को भनक तक नहीं लगी।
20 दिन पहले गोल्ड सेफ की दीवार में हुई थी चुनवाई
पुलिस जांच में यह बात भी सामने आई कि 20 दिन पहले ही बैंक मैनेजमेंट ने गोल्ड सेफ और कैश की सेफ को दीवार में चुनवाया था। लेबर-मिस्त्री इस काम के लिए स्ट्रांग रूम के भीतर गए थे। सभी लेबर मिस्त्रियों की भी डिटेल लेकर जांच की जा रही है। जो गोल्ड चोरी हुआ है, वह गोल्ड लोन लेने वाले 29 लोगों का था।
11 CCTV कैमरे, सभी बंद मिले
मनी हाइस्ट के प्रोफेसर की तरह ही चोरों ने बैंक के सारे CCTV कैमरे बंद कर दिए थे। बैंक मैनेजर ने बताया कि बैंक में 15 दिन पहले ही 11 CCTV कैमरे लगाए गए थे। वारदात वाली रात अचानक कैमरों ने काम करना बंद कर दिया। इससे पुलिस का शक और गहरा गया कि आखिर ये कैमरे ठीक चोरी से पहले कैसे बंद हो गए।
15 फिंगर प्रिंट से चोर तक पहुंचने की कोशिश
स्ट्रांग रूम की जांच के दौरान टूटे हुए गोल्ड सेफ से 9 और छह CCTV कैमरों पर फिंगर प्रिंट मिले। पुलिस ने बैंक कर्मचारियों के फिंगर प्रिंट की मिलान शुरू कर दी है। बैंक के स्ट्रांग रूम तक कुछ खास कर्मचारी ही पहुंच सकते थे। सिर्फ यही नहीं, बैंक में पिछले 20 दिन में कई फेरबदल हुए हैं। इनकी जानकारी भी चोरों को थी। अब पुलिस को बैंक स्टॉफ पर शक है। इसीलिए पुलिस एक-एक कर्मचारी की लोकेशन और कॉल डिटेल जांच रही है।
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11 बजे तक बैंक में कर्मचारी थे
बैंक मैनेजर नीरज ने बताया कि बैंक में करीब 15 दिनों से ऑडिट चल रहा है। इसके चलते रात करीब 11 बजे तक ऑडिट टीम और कुछ बैंक कर्मचारी थे। उन्होंने बताया कि यह 1969 की SBI ब्रांच है। साल 1997 में भी यहां सोने की चोरी हुई थी।