Home देश ब्लड प्रेशर-डायबिटीज समेत 23 दवाओं के खुदरा मूल्य तय, जानें नया रेट

ब्लड प्रेशर-डायबिटीज समेत 23 दवाओं के खुदरा मूल्य तय, जानें नया रेट

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Medicine Price: आज के समय में लोगों को स्वास्थ्य संबंधी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. वहीं अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए लोग दवाओं का सहारा भी लेते हैं. बाजार में आज के समय में दवाओं का रेट काफी अधिक बढ़ गया है। इसका ध्यान रखते हुए सरकार अब लगाम लगाने जा रही है। राष्ट्रीय औषधि मूल्य नियामक ‘नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइ¨सग अथारिटी’ (NPPA) ने शुक्रवार को कहा कि उसने डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं समेत 23 दवाओं के खुदरा मूल्य तय कर दिए हैं। NPPA ने 26 मई, 2023 को प्राधिकरण की 113वीं बैठक में लिए गए फैसलों के आधार पर दवा (मूल्य नियंत्रण) आदेश, 2013 के तहत ये खुदरा कीमतें तय की हैं।

ये है दवाओं की नई कीमतें

  • अधिसूचना के मुताबिक, NPPA ने डायबिटीज की दवा ग्लिक्लाजाइड ईआर और मेटफार्मिन हाइड्रोक्लोराइड की एक गोली की कीमत 10.03 रुपये तय की है।
  • इसी तरह टेल्मिसार्टन, क्लोर्थालिडोन और सिल्नीडिपिन की एक गोली की खुदरा कीमत 13.17 रुपये तय की गई है।
  • दर्द निवारक दवा ट्रिप्सिन, ब्रोमिलेन, रुटोसाइड ट्राईहाइड्रेट और डाइक्लोफेनेक सोडियम की एक गोली की खुदरा कीमत 20.51 रुपये तय की गई है।
    NPPA ने कहा कि उसने दवा (मूल्य नियंत्रण) आदेश 2013 (एनएलईएम 2022) के तहत 15 अधिसूचित फॉर्मूलेशन के अधिकतम मूल्य में भी संशोधन किया है। इसके अलावा दो अनुसूचित फॉर्मुलेशन की अधिकतम कीमत भी तय की गई है।

NPPA के पास क्या है अधिकार?

एनपीपीए को देश में नियंत्रित थोक दवाओं की कीमतों में संशोधन करने या उन्हें निर्धारित करने, उन्हें लागू करने और उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करने का अधिकार है। वह नियंत्रण मुक्त दवाओं की कीमतें उचित स्तर पर बनाए रखने के लिए उनकी निगरानी भी करता है। दवा नियामक औषधि (मूल्य नियंत्रण) आदेश के प्रविधानों को लागू करता है। उसे उत्पादकों द्वारा उपभोक्ताओं से नियंत्रित दवाओं की अधिक ली गई कीमतों को वसूल करने का काम भी सौंपा गया है।

कोरोना महामारी के बाद से दवाईयों की कीमत तेजी से बढ़ी है। जरूरी बीमारी की दवाईयां भी काफी महंगी मिल रही है। इससे गरीब और कम कमाई वाले लोगों को बड़ी परेशानी का सामाना करना पड़ा है। इस परेशानी को देखते हुए मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने देशभर में 2,000 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) को प्रधानमंत्री भारतीय जन-औषधि केंद्र खोलने की मंजूरी दे दी है। सहकारिता मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकार दी। आपको पता ही होगा कि जन-औषधि केंद्र पर जेनरिक दवाईयां मिलती है जो बाजार में मिलने वाली दवाईयों से कई गुना सस्ती होती है। इससे लोगों को बड़ी बचत होगी।

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