महाकाल लोक की अवधारणा वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मन में आई थी। इस पर विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं, संतों और विषय-विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श कर योजना तैयार की गई थी जिस पर गंभीरता से अमल करते हुए योजना का प्रथम चरण पूर्ण किया जा चुका है।
इतिहास की कहानी कहने के लिए सजा महाकाल लोक
महाकाल लोक महाकाल लोक के लोकार्पण के साथ ही, उज्जैन के 5000 वर्षों के लिखित-पूजित इतिहास में एक और नया अध्याय जुड़ जाएगा। महाकवि कालिदास व जनकवि तुलसीदास की रचनाओं में महाकाल मंदिर व उज्जैन का उल्लेख मिलता है। राजा विक्रमादित्य, राजा चंद्रप्रधोत, राजा भोज ने भी इस मंदिर में निर्माण कार्य करवाया था। बाद में हर कालखंड में हिंदू सम्राट से लेकर सिंधिया वंश के राजा यहां पूजन-अर्चन करते रहे। यह भूमि सदियों से भारत के शास्त्रों, ग्रंथों में उल्लिखित और लोक जीवन में पूजनीय है। महाकाल मंदिर का जो वर्तमान स्वरूप है, उसे वर्ष 1734 से लेकर 1863 के बीच मराठा शासकों ने बनवाया था।
‘लोक’ के लिए हुई खोदाई में मिले शुंग कालीन प्रमाण
महाकाल लोक बनाने के लिए मध्य प्रदेश पुरातत्व विभाग ने एक वर्ष पहले मंदिर परिसर में खोदाई करवाई थी। खोदाई में यहां से मिट्टी के बर्तन, ईट आदि के रूप में 2000 वर्ष पुराने शुंग कालीन प्रमाण प्राप्त हो चुके हैं। साथ ही, करीब 1000 वर्ष पुराना शिव मंदिर, चतुर्भुजी चामुंडा, अष्टभुजी गणेश, तिरपुरांतक शिव, कार्तिकेय की पत्नी कौमारी की मूर्तियां भी प्राप्त हुई हैं।
भगवान कृष्ण भी थे महाकाल के भक्त
महाकालेश्वर वैदिक शोध संस्थान के निदेशक डा.पीयूष त्रिपाठी के अनुसार चारों युग (सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग व कलियुग) में महाकाल की महिमा का उल्लेख मिलता है। महाभारत, स्कंद पुराण, भगवान श्रीकृष्ण रचित महाकाल सहस्त्रनामवली में महाकाल की आराधना है। भगवान बुद्ध के समय महाकाल महोत्सव आयोजित होता था। संवत प्रवर्तक राजा विक्रमादित्य ने महाकाल मंदिर का विस्तार कराकर पूजा की शास्त्रसम्मत व्यवस्था लागू की थी। सातवीं शताब्दी में बाणभट्ट ने महाकाल मंदिर के वैभव को रेखांकित किया। राजा भोज ने महाकाल मंदिर का विस्तार करवाकर वैभव को बढ़ाया।
लोकार्पण के दो दिन बाद लोगों के लिए खुलेगा महाकाल लोक
उज्जैन नगरी में महाकाल लोक का लोकार्पण भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को कर देंगे, लेकिन पर्यटक महाकाल लोक को 14 अक्टूबर से ही निहार सकेंगे। उधर कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह ने लोकार्पण के दौरान 11 अक्टूबर को इंदौर-उज्जैन मार्ग को टोल फ्री करने के निर्देश अफसरों को दिए हैं।
बता दें कि उज्जैन में महाकाल लोक के लोकार्पण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उज्जैन पहुंच रहे हैं। इसकी व्यापक स्तर पर तैयारी की जा रही है। साज-सज्जा की जा रही है। 11 अक्टूबर को महाकाल लोक का भव्य समारोह में लोकार्पण हो जाएगा। पर पर्यटक दो दिन बाद यानी 14 अक्टूबर से महाकाल लोक को देख सकेंगे। इसके पीछे वजह बताई जा रही है कि सजावट के लिए सामग्री समेटने के लिए प्रशासन को दो दिन लग जाएंगे। जब तक सामग्री हट नहीं जाती, लोगों के लिए महाकाल लोक नहीं खोला जाएगा। इसलिए 14 अक्टूबर से महाकाल लोक जनता के लिए खोल दिया जाएगा।