Atishi Oath: दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान के बाद सीएम को लेकर माहौल गर्म था. इसके बाद आम आदमी पार्टी ने ऐलान किया कि आतिशी मारलेना दिल्ली की मुख्यमंत्री होंगी. आज शाम 4.30 बजे आतिशी मारलेना दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी. बताया जाता है कि आतिशी के मंत्री मंडल में कई मंत्री शामिल होंगे. इनमें से सौरभ भारद्वाज, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत आज शपथ लेंगे.
अरविंद केजरीवाल के पद से इस्तीफा देने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर चुने जाने के लिए कई लोगों के नामों की चर्चा हो रही थी. लेकिन सभी ने आतिशी पर भरोसा जताया. इसकी बड़ी वजह यह है कि आतिशी केजरीवाल की विश्वासपात्र हैं. दूसरी बात वह केजरीवाल के साथ अन्ना आंदोलन से साथ रही हैं. तीसरी बात आतिशी के पास ही सबसे ज्यादा मंत्रालय थे. जब केजरीवाल जेल में थे तो आतिशी ही दिल्ली के सभी मुद्दों पर सबसे ज्यादा मुखर रही हैं.
कौन हैं आतिशी?
साल 2013 में आतिशी ने AAP ज्वाइन किया. साल 2020 में वह आप की गोवा इंचार्ज बनीं. वह 2019 में लोकसभा चुनाव के लिए AAP की पूर्वी दिल्ली की इंचार्ज बनीं. आतिशी सिंह ने 2019 में पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन वह गौतम गंभीर से हार गईं. 2020 में आतिशी ने कालकाजी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा. यहां उन्होंने धर्मेंद्र सिंह को हराया. इसके बाद उन्हें दिल्ली सरकार में मंत्री बनाया गया. आतिशी के पति का नाम प्रवीन सिंह है.
सबसे कम उम्र की दिल्ली सीएम होंगी आतिशी, तीसरी महिला मुख्यमंत्री
अतीशी आज शाम राज निवास में शपथ लेने के बाद दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी। अन्य दो भाजपा से सुषमा स्वराज और कांग्रेस से शीला दीक्षित रहीं। अतीशी ने कहा था कि दिल्ली की पार्टी और लोगों के लिए यह एक भावनात्मक क्षण है। साथ ही, लोग केजरीवाल को फिर से मुख्यमंत्री बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। और, जब तक चुनाव नहीं होता और हम नई सरकार के लिए दावा नहीं करते, मैं दिल्ली की देखभाल करूंगी।
आतिशी के शपथग्रहण के बाद 26-27 को दिल्ली का विधानसभा सत्र
आतिशी आज शाम 4:30 बजे दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले लेंगी। इसके करीब एक हफ्ते बाद आतिशी दिल्ली विधानसभा में अपना बहुमत साबित करेंगी। इसके लिए 26-27 सितंबर तारीख चुनी गई है। बता दें कि दिल्ली का विधानसभा सत्र अगले साल 23 फरवरी को खत्म हो रहा है। आप की मांग है कि दिल्ली के चुनाव नवंबर में ही करा लिए जाएं।