रांची । झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड विधानसभा में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कहा कि लोकसभा और विधानसभा हैं लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर। उन्होंने इस मंदिर की गरिमा और महत्व को बढ़ावा देने का आग्रह किया और यह स्पष्ट कर दिया कि यहां किसी भी व्यक्ति के लिए कोई बाधा नहीं है। सोरेन ने विधानसभा के सदस्यों के सामने अपने भाषण में कहा कि लोकतंत्र के मंदिर की आवाज हर किसी तक पहुंचती है, चाहे वह हिंदू हो, मुस्लिम हो, सिख हो, इसाई हो, अमीर हो या गरीब। उन्होंने सभी धर्मों और समुदायों के लोगों के लिए यहां कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए, और उन्होंने सदस्यों को संसदीय प्रणाली की समझ और मान्यताओं के बारे में विस्तृत जानकारी देने का निर्देश दिया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम का क्षेत्र नेतृत्व विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने लिया और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने भी सदन की कार्यप्रणाली के बारे में सदस्यों को बताया। यह कार्यक्रम सदन की मर्यादा और विधायी कार्यवाही की समझाने का मुख्य उद्देश्य रखता है और इसे सफल ढंग से आयोजित किया गया। इस मंदिर की गरिमा और भव्यता को बनाए रखने का जिम्मेदारी लेने पर उत्साहित होने वाले इस कार्यक्रम ने लोकतंत्र के मूल्यों को मजबूत किया और उत्तराधिकारियों के भी महत्वपूर्ण कार्यों की महत्वकांक्षा को साबित किया।
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