महाराष्ट्र दौरे के बाद ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद काशी पहुंच गए हैं. इस दौरान उन्होंने अंबानी परिवार की शादी से लेकर उद्धव ठाकरे से मुलाकात पर एबीपी न्यूज से बात की. उन्होंने कहा कि अंबानी परिवार की तरफ से हमें विशेष निमंत्रण दिया गया था. इस दौरान उनके द्वारा हमारा विशेष आदर सत्कार किया गया. साथ ही इस आयोजन में किसी भी प्रकार के मांस मदिरा को शामिल नहीं किया गया था जो आज के समाज के लिए एक उदाहरण है.
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा- अगर अंबानी परिवार द्वारा मुझे आमंत्रित किया जाता है तो शामिल होने में कोई गलत नहीं. इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री से मुलाकात को लेकर भी कहा कि हमने उनकी कई गलत नीतियों का विरोध किया है. लेकिन, उनसे हमारी मुलाकात हुई जिसके बाद हमने अपने गले में पहनी हुई माला उनको पहना दी. यह माला केवल एक शिष्य को ही पहनाई जाती है.
गलत नीतियों को विरोध करते रहेंगे
शंकराचार्य ने इस दौरान बड़ा बयान देते हुए कहा कि मुझे किसी व्यक्ति विशेष से कोई दुश्मनी नहीं है. लेकिन, मैं एक बात स्पष्ट करना चाहता हूं कि चाहे मैं हूं या प्रधानमंत्री हूं, शरीर छोड़ने के बाद सबको जवाब देना है. अगर पृथ्वी लोक में हमारे द्वारा गलत कार्य किया जाता है तो ऊपर जाकर उसका जवाब देना होगा. मैं शंकराचार्य होने के नाते इसकी कल्पना कर सकता हूं और मेरा कार्य है कि लोगों को आगाह करना.
उन्होंने कहा, वो देश के प्रधानमंत्री हैं इसलिए मैंने अपनी जिम्मेदारी के तहत उनके गलत नीतियों का विरोध किया है और आगे भी करता रहूंगा. जैसे काशी में मंदिर तोड़े गए वह बिल्कुल गलत है. देश में गौ हत्या बंद होनी चाहिए. इसका केंद्र सरकार को समर्थन करना चाहिए. इसके अलावा उद्धव ठाकरे से मुलाकात को लेकर कहा कि उनके द्वारा भी अगर मुझे आदर पूर्वक पादुका पूजन के लिए आमंत्रित किया गया तो मुलाकात करना मेरा दायित्व है.
उद्धव ठाकरे से मुलाकात पर ये कहा
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने भाजपा द्वारा महाराष्ट्र की सत्ता पलटने पर इशारा करते हुए कहा कि उनके (उद्धव ठाकरे) साथ विश्वासघात हुआ है और उनके मन में कई बातें दबी हुई थी इसलिए अगर वह मुलाकात करना चाहते थे तो इसमें किसी को क्या दिक्कत है.
इसके अलावा शंकराचार्य ने हाथरस मामले पर भी तंज कसते हुए कहा कि इतनी बड़ी घटना हो गई. सवा सौ से अधिक लोग मर गए. लेकिन, इसमें एसआईटी गठित की गई है. दुर्भाग्य की बात है कि इस पर कठोर कार्रवाई नहीं की गई. आयोजन हो या जिम्मेदार लोग हो उन पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए. हम अपनी लोकतांत्रिक सरकार से यही उम्मीद करते हैं.