पंजाब की भगवंत मान सरकार ने 13 महीने से आंदोलन कर रहे किसानों को शंभू और खनौनी बॉर्डर से हटा दिया. अब इसको लेकर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और दिल्ली विधानसभा की नेता विपक्ष आतिशी का बयान सामने आया है. आतिशी ने कहा कि आम आदमी पार्टी हमेशा से किसानों के साथ खड़ी रही है. जब केंद्र सरकार ने काले कानून पास किए तब आम आदमी पार्टी ने किसानों का साथ दिया.
उन्होंने आगे कहा कि किसान एक साल से बार्डर पर बैठे हुए थे. पंजाब की अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान पहुंच रहा था. व्यापार और नौकरी के लिए हाइवे को खोलना जरुरी था. ये पंजाब की लाइफ लाइन है. रोजगार नहीं होगा तो युवा नशे की तरफ बढ़ते हैं. नशे के खिलाफ पंजाब सरकार ने मुहिम छेड़ी हुई है. हम अभी भी किसानों के साथ हैं.
पिछले 13 महीने से किसान कर रहे थे आंदोलन
पंजाब पुलिस ने एक साल से अधिक समय से डेरा डाले किसानों को बुधवार देर रात शंभू और खनौरी बॉर्डर से हटा दिया. इसके साथ ही किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल सहित करीब 200 प्रदर्शनकारी किसानों को हिरासत में लिया गया है. किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी किसान पिछले साल 13 फरवरी से शंभू-अंबाला और संगरूर-जींद यानी खनौनी बॉर्जर पर डेरा डाले हुए थे. किसान एमएसपी की कानूनी गारंटी, कर्ज माफी और अन्य मांगों को लेकर शंभू बॉर्डर पर धरना दे रहे थे.
पंजाब और मोदी सरकार को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी
किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनैतिक) ने पंजाब सरकार पर केंद्र सरकार से मिलीभगत कर किसान आंदोलन को खत्म करने का आरोप लगाया है. शंभू और खनौरी बॉर्डर से किसानों को हटाए जाने के बाद किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि हम किसानों के खिलाफ की गई कार्रवाई की निंदा करते हैं.
उन्होंने कहा कि भगवंत मान सरकार और मोदी सरकार को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. किसान संगठनों ने कहा कि किसानों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ हरियाणा और पंजाब में डिप्टी कमिश्नरों के दफ्तरों के बाहर धरना-प्रदर्शन करेंगे.