छत्तीसगढ़ में भू माफियाओं का अजीबो गरीब कारनामा सामने आया है. यहां माफिया-कारोबारियों ने मिलकर दस्तावेजों में गड़बड़ी कर वक्फ बोर्ड की ही करोड़ों की जमीन बेंच दी है. ये सभी जमीनें अल्लाह को दान दी गई थी, लेकिन बोर्ड की जानकारी के बगैर बेच दी गई. ये सभी जमीनें बगैर वक्फ बोर्ड की जानकारी में बेंची गई है. अब बोर्ड इसके रजिस्ट्री को निरस्त कराने की तैयारी में जुटा है.
ऐसे हुआ खुलासा
छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के मुताबिक, माफिया-कारोबारियों द्वारा जगदलपुर, अंबिकापुर, रायपुर, बिलासपुर में वक्फ जमीन की सौदेबाजी की गई है. इसका खुलासा तब हुआ, जब बोर्ड द्वारा सभी जिलों से प्रापर्टी की डिटेल मांगी गई. दस्तावेजों के आधार पर बोर्ड की जमीनों के रिकॉर्ड खंगाले गए. इसमें पता चला कि कुछ प्रॉपर्टी को 30 से 40 साल पहले तो कुछ को हाल ही में बेच दिया गया है. जिनकी अनुमानित कीमत 500 करोड़ रुपये के आस-पास है.
जानिए क्या बोले वक्फ बोर्ड के चेयरमैन
छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सलीम राज ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया, "वक्फ का मतलब अल्लाह के नाम पर दान देना होता है, ये दान समाज कल्याण के लिए दिया जाता है. इन संपत्तियों को बेचने के बारे में सोचना भी गुनाह माना जाता है, लेकिन दान पर दी गई जमीनों को बेच दिया."
छसत्तीगढ़ में वक्फ की 5000 करोड़ की संपत्ति
एक रिपोर्ट के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में लगभग 5000 करोड़ रुपये की संपत्तियां वक्फ बोर्ड के अधीन हैं. इन संपत्तियों में मस्जिदें, कब्रिस्तान, मदरसे, और अन्य धार्मिक स्थल शामिल हैं. इसमें से करीबन 500 करोड़ से ऊपर की प्रॉपर्टी अवैध तरीके से बिकी है, उसकी रजिस्ट्री भी हुई है. अब बोर्ड की तरफ से सभी संबंधित रजिस्ट्रार को पत्र लिखा गया है कि ये सारी वक्फ प्रॉपर्टी थी. इसकी रजिस्ट्री भी नहीं की जा सकती. पूरी तरह से फर्जी तरीके से वक्फ की प्रॉपर्टी की सौदेबाजी की गई है.