प्रदेश में पंचायतों का पुर्नगठन किए जाने के साथ अब वार्डों की संख्या भी तय की होगी। हर ग्राम पंचायत में कम से कम सात और हर पंचायत समिति में कम से कम 15 वार्ड होंगे। इसके बाद एक निश्चित फार्मूले के तहत वार्डो की संख्या बढती जाएगी। पंचायत राज विभाग ने सोमवार को इस बारे में अधिसूचना जारी की है। वहीं, इससे पहले राज्य सरकार ने पंचायतों और पंचायत समितियों के पुनर्गठन और परिसीमन के आदेश जारी किए थे। इसके चलते लगभग पौने सात हजार पंचायतों के चुनाव स्थगित भी कर दिए गए थे। पिछले आदेश में जिला कलक्टरों को सिर्फ इनकी सीमाएं तय करने और नई पंचायतें गठित करने के आदेश दिए गए थे। अब इनके साथ ही ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों के वार्डो की संख्या तय करने के आदेश भी दिए गए हैं। यानी अब सभी पंचायतों और पंचायत समितियों में वार्डो की संख्या भी बढेगी।
यह है फार्मूला
ग्राम पंचायत: प्रत्येक ग्राम पंचायत में तीन हजार तक की जनसंख्या पर कम से कम सात वार्ड होंगे और इसके बाद प्रत्येक एक हजार या उसके भाग के लिए दो-दो वार्ड और बढ़ाए जाएंगे।
पंचायत समिति प्रत्येक पंचायत समिति में एक लाख तक की जनसंख्या पर कम से कम 15 वार्ड होंगे और इसके बाद प्रत्येक 15 हजार या उसके भाग के लिए दो-दो वार्ड और बढाए जाएंगे। 2011 की जनगणना होगी आधार वार्ड संख्या के निर्धारण में 2011 में हुई जनसंख्या को आधार माना जाएगा, क्येांकि इसके बाद कोई अधिकारिक जनगणना नहीं हुई है। हालांकि इसके चलते विसंगतियां भी होने की आशंका है, क्योंकि 2011 के बाद हर पंचायत और पंचायत समिति में जनसंख्या काफी बढ चुकी है, ऐसे में मौजूदा जनसंख्या के अनुपात में जितने वार्ड होने चाहिए, उतने नहीं बन पाएंगे।
जुलाई-अगस्त तक पूरा हो पाएगा काम
पंचायतों के पुनर्गठन का यह काम जुलाई-अगस्त तक पूरा होने की सम्भावना है। क्योकि अप्रैल तक का समय तो जिलों को दिया गया है और इसके बाद जिलो की रिपोर्ट पर मंत्रियों की समिति विचार करेगी और इसके बाद अंतिम अधिसूचना जारी होगी। जिला कलक्टरों को यह निर्देश भी दिए गए हैं कि पुर्नगठित और नई बनी पंचायतों व पंचायत समितियों के साथ उन पंचायतों और पंचायत समितियों की सूची भी जारी करें, जिनमें कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।