मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी (OTDE) बनाये जाने के लक्ष्य के लिए जारी प्रयासों और अब तक के परिणामों की समीक्षा की. विभागवार हुई इस समीक्षा में सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव उपस्थित रहे. विभागीय अधिकारियों ने बारी-बारी से अपने OTDE लक्ष्य के सापेक्ष अपने विभागों में हो रहे प्रयासों और प्रगति के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी दी और मार्गदर्शन लिया.
बैठक में सीएम योगी ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट आवंटन और उसके लिए हुए खर्च की स्थिति की भी समीक्षा की, साथ ही, जनहित में जारी विभिन्न परियोजनाओं की मुख्यमंत्री डैशबोर्ड के आधार प्रगति पर भी विभागवार चर्चा की.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए निर्देश
सीएम योगी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 अब खत्म होने की ओर है. कुछ विभागों में आवंटन के सापेक्ष खर्च की स्थिति संतोषजनक नहीं है. संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिवों से इसमें तेजी की अपेक्षा है. उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव वित्त इन विभागों की समीक्षा करें, ताकि स्थिति में सुधार के ठोस प्रयास किये जाएं.
उन्होंने कहा कि जनहित में जहां भी नीतिगत सुधार आवश्यक होगा, सरकार करने को तैयार है. नीतिगत जड़ता की स्थिति नहीं होनी चाहिए, जिस भी व्यवस्था से आम लोगों को सुविधा हो, नीतियों में बदलाव और सरलीकरण करें.
हर विभाग अपने पोटेंशियल को पहचाने
सीएम योगी ने कहा कि मिशन OTDE (वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी) की सफलता के लिए हर विभाग को अपनी भूमिका को निभाना होगा. अपने पोटेंशियल को पहचाने, नए आयामों को विस्तार दें. अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव स्तर पर विभागवार तय लक्ष्य की समीक्षा हर पखवारे में की जाए तथा मंत्री स्तर पर मासिक समीक्षा हो. समीक्षा बैठक में लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति, अपनाई गई रणनीति और प्रभावों के हर पहलू पर विचार किया जाए और बेहतरी के लिए कार्ययोजना बनाकर लागू करें.
कम खर्च में समय पर मिले इलाज
स्वास्थ्य सेक्टर से हर व्यक्ति प्रभावित होता है. इसमें व्यापक सुधार की आवश्यकता है. हर व्यक्ति को समय पर और कम खर्च में इलाज सुलभ हो सके, यही प्राथमिकता होनी चाहिए. मरीजों की सुविधा और डॉक्टरों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए नीतिगत सुधारों को आगे बढ़ाया जाए.
अस्पताल का बकाया न रखा जाए
सीएम योगी ने कहा कि आयुष्मान भारत अथवा मुख्यमंत्री जन आरोग्य के अंतर्गत पंजीकृत किसी भी अस्पताल का बकाया न रखा जाए. यह सुनिश्चित करें कि आयुष्मान कार्ड धारक मरीज के इलाज के बाद अधिकतम एक महीने के भीतर नियमानुसार अस्पताल का भुगतान कर दिया जाना चाहिए. नए अस्पतालों को इम्पैनल करें. आवश्यकता अनुसार इम्पैनलमेंट नियमों को सरल बनाएं. साथ ही व्यवहारिकता का ध्यान रखें.
सीएम ने कहा कि लगातार प्रयासों से आज प्रदेश में 80 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं. इन सभी का सुचारु संचालन हो, आम जन को सुलभ चिकित्सा सुविधा मिल सके, इसके लिए मेडिकल कॉलेजों की नियमित मॉनीटरिंग की जानी चाहिए. डॉक्टर की हर समय उपलब्धता हो, दवाओं की कमी न रहे. गर्मी का मौसम प्रारम्भ हो चुका है. विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्र में सुचारु जलापूर्ति सुनिश्चित कराई जाए. कहीं भी आम आदमी को पानी की किल्लत नहीं होनी चाहिए.
टूरिज्म और ट्रांसपोर्ट सेक्टर में बूस्ट
उन्होंने कहा कि महाकुम्भ प्रयागराज के आयोजन ने प्रदेश के हॉस्पिटैलिटी, टूरिज्म और ट्रांसपोर्ट सेक्टर को बड़ा बूस्ट किया है. अर्थव्यवस्था पर इसका गहरा असर पड़ा है. इस साल जीडीपी के अंतिम आंकड़ों को तैयार करते समय महाकुम्भ से जुड़े डेटा को जरूर शामिल किया जाए.
सीएम ने कहा कि ऊर्जा विभाग के शीर्ष अधिकारी फील्ड में उतरें सभी डिस्कॉम की नियमित अंतराल पर समीक्षा की जाए. उपभोक्ताओं से बात करें. उनकी व्यवहारिक समस्याओं को सुनें और निस्तारण कराएं. यह सीधे तौर पर जनता से जुड़ा हुआ विभाग है, इसमें जनता से सीधा संवाद होना चाहिए.
पुलिस लाइन निर्माण, पुलिस आधुनिकीकरण तथा ढांचागत सुविधाओं से जुड़ी जितनी भी परियोजनाएं स्वीकृत हो चुकी हैं, सभी की मॉनीटरिंग की जाए. टाइमलाइन तय करें और तय समय सीमा के भीतर पूरा कराएं.
मछली पालन, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
पंचनद परियोजना बुंदेलखंड और आस-पास के क्षेत्रों में बड़े बदलाव की वाहक है, इसमें तेजी की अपेक्षा है. औरैया, कानपुर देहात एवं जालौन आदि जिलों में सिंचाई का रकबा बढ़ेगा और बुंदेलखंड में व्याप्त सूखा को मिटाने में मदद मिलेगी. वहीं मत्स्य पालन, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. पुराने जलाशयों की सफाई और अनुरक्षण की आवश्यकता है. इनकी डीसिल्टिंग कराई जानी चाहिए. जिलों से रिपोर्ट प्राप्त करते हुए इसकी कार्रवाई आगे बढ़ाएं.
आंगनबाड़ी का हो अपना भवन
बचपन संवारने में आंगनबाड़ी केंद्रों की महत्वपूर्ण भूमिका है. यह आवश्यक है कि सभी जिलों में आंगनबाड़ी का अपना भवन हो, राज्य सरकार द्वारा इसके लिए हर तरह का सहयोग दिया जाएगा. इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही के लिए प्रस्ताव तैयार करें. साथ ही निर्माणाधीन राज्य विश्वविद्यालयों के निर्माण कार्य की थर्ड पार्टी ऑडिट कराई जाए. गुणवत्ता से समझौता नहीं होना चाहिए.
सब्सिडी वितरण में प्रगति
सीएम ने कहा कि सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के अन्तर्गत सब्सिडी वितरण में और प्रगति लाए जाने की आवश्यकता है. प्रदेश के स्टार्ट-अप को चिन्हित कर उन्हें यूनिकार्न की श्रेणी में लाए जाने के लिए प्रयास किए जाएं. ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में सम्मिलित इकाइयों से निरंतर समन्वय करते हुए उन्हें क्रियाशील किए जाने की आवश्यकता है.
पर्यटन विभाग के स्तर पर वर्तमान में क्रियाशील होटल एवं अन्य अतिथिगृहों के डेटाबेस को तैयार किए जाने की आवश्यकता है. आवास विभाग के अन्तर्गत ऐसी सम्पत्तियां जो विगत कई वर्षों से विक्रय नहीं की जा सकी हैं, उन्हें तत्काल नीति लाकर निस्तारित किया जाए.
वीकेंड में करें फील्ड विजिट
उन्होंने कहा कि वीकेंड का उपयोग फील्ड विजिट के लिए किया जाना उचित होगा. फील्ड के अधिकारियों को अनावश्यक राज्य मुख्यालय न बुलाएं, बल्कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत करें. उत्तर प्रदेश के सभी शासकीय कार्मिकों को ‘मिशन कर्मयोगी’ से जोड़ा जाना है. इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही की जाए. कार्मिकों के क्षमता संवर्धन में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होने वाली है. मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा इसकी मॉनीटरिंग की जाए. सीडी रेशियो की जनपदवार मॉनीटरिंग की जा रही है. सभी जिलों को इसके लिए काम करने की जरूरत है.
25 मार्च को सरकार के आठ साल पूरे
25 मार्च को वर्तमान सरकार के आठ साल पूरे हो रहे हैं. यह आठ साल नए भारत के नए उत्तर प्रदेश के सृजन के रहे हैं. आठ साल पूरे होने के अवसर पर सभी जिलों में तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया जाए. इन मेलों में केंद्र सरकार द्वारा 11 साल और राज्य सरकार द्वारा 8 सालों में जनता की सेवा, सुरक्षा और प्रदेश में सुशासन स्थापित करने के लिए किए गए प्रयासों और परिणामों से जनता को अवगत कराया जाए. सभी विभाग अपने प्रयासों, उपलब्धियों के बारे प्रदर्शनी लगाएं.
सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन
शाम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हो, इनमें स्थानीय कलाकारों को वरीयता दें. तीन दिवसीय मेलों में लोककल्याणकारी योजनाओं से वंचित लोगों को इसका लाभ दिलाया जाए. जनारोग्य मेला, ऋण मेला आदि का भी आयोजन हो. सभी जिलों में यह कार्यक्रम किया जाना है. इस संबंध में सभी आवश्यक कार्यवाही समय से पूरी कर ली जाए.