जयपुर । जैसलमेर में बर्ड फ्लू के संक्रमण से राज्य पक्षी गोडावण (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड) को बचाने के लिए मशक्कत तेज हो गई है. जैसलमेर के गोडावण विचरण क्षेत्र के वॉटर पॉइंट पर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए है. जैसलमेर जिले में जिस तरह शीतकालीन प्रवास पर आने वाले पक्षी कुरजां में बर्ड फ्लू का खतरा और मौतें हुई हैं। इसे देखते हुए जैसलमेर जिले के कुरजां के पड़ाव स्थलों पर विशेष सतर्कता व मॉनिटरिंग की जा रही है इसको लेकर डीएनपी के उप वन संरक्षक आशीष व्यास ने बताया कि डेजर्ट नेशनल पार्क में वन विभाग ने गोडावण विचरण वाले इलाकों में राज्य पक्षियों के लिए अलग से वॉटर पाइंट का निर्माण करा रखा है। यदि बर्ड फ्लू से प्रभावित कोई भी मरा हुआ पक्षी मिलता है, तो तुरंत पशुपालन विभाग को सूचित करेंगे जैसलमेर के सम इलाके में बनाए हेचिंग सेंटर में गोडावण के चूजों का बाहरी दुनिया से बिल्कुल भी संपर्क नहीं है. डीएफ़ओ डीएनपी बताया कि गोडावण को बर्ड फ्लू से बचाने के लिए हम लगातार नजर बनाए हुए हैं। वहीं सम स्थित ब्रीडिंग सेंटर में चूजों के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. सेंटर के सुरक्षित परिसर के आसपास कोई बर्ड फ्लू प्रभावित पक्षी पहुंचने की संभावना ना के बराबर है उन्होंने बताया कि जैसलमेर में पक्षियों को बर्ड फ्लू बीमारी से बचाने के लिए गोडावण प्रोजेक्ट में कार्यरत भारतीय वन्यजीव संस्थान के वेटरनरी वन विभाग की टीम दूरबीन के साथ गोडावण विचरण स्थलों में राज्य पक्षी के असामान्य व्यवहार व अन्य गतिविधियों पर 24 घंटे नजर रखे हुए है।
बर्ड फ्लू से गोडावण को बचाने के लिए मशक्त हुई तेज
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