जयपुर । राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कृषि शिक्षा के अंतर्गत प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन दिए जाने की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए कहा है कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत प्राकृतिक खेती के पाठ्यक्रम बनाकर उन्हें लागू किए जाने चाहिए। इसके साथ ही प्रसार शिक्षा के अंर्तगत भी प्राकृतिक खेती के प्रोत्साहन के लिए खेत-खेत में प्रचार किया जाना चाहिए।
राज्यपाल बागडे ने जोधपुर में कृषि विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह में संबोधित करते हुए कही। राज्यपाल इस दौरान उपाधियां एवं स्वर्ण पदक प्रदान किए। पूर्व कुलपति डॉ. जे.एस. संधु को डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधिराज्यपाल ने डॉ जे.एस. संधु, पूर्व कुलपति कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर को डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि प्रदान की। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के विभिन्न प्रकाशनों का विमोचन किया। इनमें पोस्ट ग्रेजुएट एंड पीएचडी स्टडी रेगुलेशन, सेलेबस पोस्ट ग्रेजुएट एंड पीएचडी प्रोग्राम तथा कोर्स करिकुलम, बी.टैक. एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग शामिल हैं।दीक्षान्त समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल श्री बागड़े ने कहा कि प्राकृतिक विषमताओं और जलवायु परिवर्तन के दौर में विभिन्न संकटों पर नियंत्रण के लिए देश भर में इस समय प्राकृतिक खेतीÓ के लिए अभियान चलाए जाने की आवश्यकता है। प्राकृतिक खेती और वृक्षारोपण जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से बचने का प्रभावी उपाय है। इसके लिए कृषि में सहनशील किस्मों और नई प्रौद्योगिकियों का विकास किया जाए। इन किस्मों के गुणवत्तायुक्त बीज की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, इससे न केवल क्षेत्र के किसान लाभान्वित होंगे अपितु राज्य में कृषि के विकास को भी नवीन गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि कम पानी में अच्छी फसल हमारी प्राथमिकता होना चाहिए। खेती को पानी की बहुत जरूरत रहती है। बारिश का पानी खेत में ही रहे, इसके लिए भी कृषि शिक्षा के अंतर्गत आप लोग प्रयास करें। पानी की बचत ही पानी का निर्माण करना है।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के प्रयास जरूरी-राज्यपाल
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