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राजस्थान के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए खुशखबरी, अब स्वेटर और जूते भी मुफ्त मिलेंगे

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जयपुर: राजस्थान के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए खुशखबरी है। भजनलाल सरकार अब सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को मुफ्त स्वेटर और जूते देने की तैयारी कर रही है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने राइजिंग राजस्थान के तहत जयपुर के सीतापुरा में आयोजित एजुकेशन प्री-समिट 2024 के दौरान यह जानकारी दी। आपको बता दें कि राजस्थान के सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8वीं तक पढ़ने वाले बच्चों को फिलहाल राजस्थान सरकार की ओर से मुफ्त यूनिफॉर्म दी जाती है। हर विद्यार्थी को दो ड्रेस के लिए कपड़ा मिलता है और सिलाई की राशि सीधे खाते में जमा होती है। बुधवार को एजुकेशन प्री-समिट में 28 हजार करोड़ के 507 एमओयू साइन हुए हैं, जिससे शिक्षा, तकनीकी उच्च शिक्षा, कौशल विकास और खेलों में विकास के नए रास्ते खुलेंगे। इस दौरान शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को अब यूनिफॉर्म के साथ-साथ स्वेटर और जूते भी मुफ्त मिलेंगे। इसके अलावा प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सोलर सिस्टम लगाने, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में आईसीटी लैब, स्मार्ट क्लासरूम, फर्नीचर, डाइनिंग हॉल तैयार किए जाएंगे। साथ ही बालिकाओं के लिए सैनिक अकादमी भी स्थापित की जाएगी।

निवेशक कहलाएंगे भामाशाह

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि राइजिंग राजस्थान के तहत दुनियाभर से लोग राजस्थान में निवेश करने आ रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर निवेश हुआ है। जिसे आने वाली पीढ़ियां भी याद रखेंगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा में निवेश करने वाले सभी निवेशकों को भामाशाह के रूप में मान्यता दी जाएगी। हालांकि उच्च शिक्षा में कई निवेशक ऐसे हैं, जो कॉलेज खोलेंगे और वहां से आय अर्जित करेंगे। ऐसे में स्कूली शिक्षा में निवेश करने वाले निवेशक भामाशाह कहलाएंगे।

आर्थिक विकास के नए युग की शुरुआत: सीएम भजनलाल

सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि 'राइजिंग राजस्थान' ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 आर्थिक विकास के नए युग की शुरुआत करेगी। आने वाले समय में इसकी क्या जरूरत है। इसका सर्वे एक एजेंसी से कराया जा रहा है। दूसरे देशों का भी सर्वे करने की जरूरत है, ताकि पता चल सके कि वहां क्या जरूरत है, ताकि युवाओं को मौका मिल सके। हाल ही में जापान यात्रा के दौरान नर्सिंग सेक्टर में 15 हजार युवाओं को रोजगार देने के लिए एमओयू साइन किया गया। इसी तरह जर्मनी ने एक लाख युवाओं की मांग की है। उन्होंने अपने शैक्षणिक मानकों के अनुसार यहां एजुकेशन हब बनाने और परीक्षा आयोजित करने को कहा है।

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