Jharkhand Election 2024: नतीजे से पहले जहां महाराष्ट्र में सियासी हलचल मची हुई है, वहीं झारखंड में सन्नाटे का माहौल है. इसकी बड़ी वजह वोटिंग पैटर्न बताई जा रही है. कहा जा रहा है कि झारखंड में जिस तरीके से मतदान हुआ है, उससे नेताओं के लिए आकलन करना मुश्किल हो गया है, इसलिए दोनों गठबंधन के नेता अब सीधे स्ट्रॉन्ग रूम खुलने का इंतजार कर रहे हैं. 81 विधानसभा सीटों वाली झारखंड में सरकार बनाने के लिए 41 विधायकों की जरूरत होती है. 2019 में यहां कांग्रेस और JMM गठबंधन ने मिलकर सरकार बनाई थी.
महिलाओं के मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी
झारखंड में इस बार मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी देखी गई है. कुल मतदान में करीब 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. आमतौर पर जब मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी होता है तो इसे सत्ता के खिलाफ माना जाता है, लेकिन इस बार झारखंड की 68 सीटें ऐसी है, जहां पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने ज्यादा वोट डाले हैं. महिलाओं के मतदान प्रतिशत ने जानकारों को सकते में डाल दिया है. कहा जा रहा है कि इस बार महिलाएं नया वोटबैंक बनकर उभरी हैं. JMM मईयां सम्मान योजना के जरिए इन लोगों को चुनाव से पहले से ही साधने में जुटी थी. JMM का दावा है कि महिलाओं ने इस बार के चुनाव में बड़ी भूमिका निभाई है, इसलिए हेमंत सोरेन फिर से सरकार में आ रहे हैं. झारखंड में इस बार के चुनाव में महिलाओं के मुद्दे काफी चर्चा में रहे. JMM मैया सम्मान से जहां महिलाओं को साध रही थी. वहीं BJP गोगो दीदी और एक रुपए में जमीन रजिस्ट्री जैसे वादे के जरिए उन्हें अपने पाले में लाने की कवायद में जुटी थी.
BJP की पिछली जीत पर सवाल उठे
एक तरफ जहां कुल मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वहीं दूसरी तरफ झारखंड की 11 विधानसभा ऐसी है, जहां पर वोटिंग में कमी आई है. इनमें बरकट्ठा, पांकी और छतरपुर जैसी सीटें शामिल हैं. इन सीटों पर मतदान प्रतिशत के कम होने से सवाल उठ रहा है कि आखिर जीत का गणित किस करवट बैठेगा? जिन सीटों पर कम मतदान हुए हैं, वहां की अधिकांश सीटों पर पिछली बार BJP और उसके सहयोगियों को जीत मिली थी. ऐसे में यहां का सिनेरियो क्या बनता है, इस पर भी सबकी नजर है.
कांग्रेस के बड़े नेताओं की सीटें फंसीं
एग्जिट पोल के इतर JMM ने भी एक सर्वे जारी किया है. इस सर्वे में विधानसभा की 81 में से 59 सीटों पर JMM ने जीत का दावा किया है. पार्टी के सर्वे में कांग्रेस को काफी कमजोर बताया गया है. सर्वे के मुताबिक कांग्रेस के बड़े नेताओं की सीट फंस गई है. यह सर्वे महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने जारी किया है. सर्वे में कहा गया है कि कुल 14 ऐसी सीटें हैं, जहां कांग्रेस फंस गई है. कांग्रेस आधिकारिक समझौते के तहत 28 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इस सर्वे में रामेश्वर ओरांव की लोहरदगा, अजॉय कुमार की जमशेदपुर पूर्वी, दीपिका पांडे की महगामा, बादल पत्रलेख की जरमुंडी जैसी सीटों पर कांग्रेस को कमजोर बताया गया है. हालांकि, JMM के महासचिव विनोद पांडेय का कहना है कि यह विचार सुप्रियो भट्टाचार्य की है. पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है.
त्रिकोणीय मुकाबले से बदल सकता है नतीजा
झारखंड के चुनाव में कुड़मी नेता जयराम ठाकुर भी ताल ठोक रहे थे. कहा जा रहा है कि जयराम के कई उम्मीदवार मजबूती से कोल्हान और कोयलांचल में त्रिकोणीय मुकाबला बनाने में कामयाब रहे हैं. जयराम खुद डुमरी और बेरमो से चुनाव लड़ रहे हैं. बगोदर और बाघमारा जैसी सीटों पर भी जयराम के उम्मीदवार मजबूत माने जा रहे हैं. ऐसे में सबकी नजर उनके वोट शिफ्टिंग पर है. कहा जा रहा है कि जयराम ने अगर एनडीए को नुकसान पहुंचाया, तो BJP सत्ता से दूर रह सकती है. वहीं अगर जयराम की वजह से इंडिया के उम्मीदवार हारते हैं तो हेमंत की वापसी मुश्किल हो जाएगी. जयराम की वजह से एनडीए के सुदेश महतो भी टेंशन में हैं.