भोपाल । प्रदेश के जनजाति स्कूलों में पढ़ाई का स्तर सुधारने के लिए एक बार फिर विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। पढ़ाई में कमजोर या फिर कोर्स में पीछे चल रहे बच्चों के लिए रोजाना अतिरिक्त कक्षाएं लगेंगी। साथ ही कक्षा में शिक्षक पढ़ा रहे हंैं या नहीं। संबंधित विषय का पाठ्यक्रम करवा रहे हैं या नहीं। इसकी निगरानी स्कूल प्राचार्च को करनी होगी। स्कूल प्रचार्य हर हफ्ते शिक्षकों के कक्षा कार्य की रिपोर्ट तैयार करेंगे। इसके ऊपर जनजाति विभाग के सहायक आयुक्त रोजाना किसी न किसी स्कूल में औचक निरीक्षक करेंगे। जनजाति कार्य विभाग ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं।
जानकारी के अनुसारजनजातीय कार्य विभाग द्वारा सभी सहायक आयुक्तों को दिए निर्देश में कहा गया है कि विभाग द्वारा संचालित स्कूलों में दसवीं और बाहरवीं परीक्षा के परिणामों में सुधार के लिए कार्यवाही करना है। इसके लिए जिला सहायक आयुक्त की अध्यक्षता में बनी जिला स्तरीय कोर समिति बोर्ड परीक्षा रिजल्ट का एनालिसिस कर स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता का ध्यान रखेंगे। माध्यमिक शिक्षा मंडल मप्र द्वारा ली जाने वाली इन परीक्षाओं की तैयारियों का रिव्यू शासन स्तर पर भी किया जाएगा। बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम में सुधार के लिए विभाग गंभीर है। इसके लिए निर्देशों में स्पष्ट कहा है कि किसी स्कूल में शिक्षकों की कमी और अतिथि शिक्षक नहीं मिल रहे हैं तो निकट के विद्यालयों के विषय विशेषज्ञ शिक्षकों को ऐसे स्कूलों में पढ़ाने के लिए बुलाया जा सकता है। हर विद्यार्थी को कक्षा कार्य के साथ गृहकार्य भी अनिवार्य रूप से दिया जाए।
इस तरह संचालित होगा शैक्षणिक कार्यक्रम
जनजाति कार्य विभाग ने स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए जो निर्देश जारी किए हैं। उसके अनुसार हर महीने 20 से 25 तारीख के बीच मासिक परीक्षा होगी। हर माह 25 से 30 तारीख के बीच परिणाम के विश्लेषण के बाद कमजोर छात्र और उन्हें पढ़ाने के लिए शिक्षकों का चयन होगा। हर माह 10 से 23 तारीख के बीच कमजोर छात्रों के लिए अतिरिक्त कक्षाओं का संचालन किया जाए। महीने की 26 से 30 तारीख के बीच मासिक और अर्धवार्षिक परीक्षा परिणाम के आधार पर दोबारा कमजोर विद्यार्थियों को चिन्हित करना। ऐसे छात्रों के लिए दो अतिरिक्त कक्षाएं एक से 25 तारीख तक चलाएं। इसके बाद 25 से 30 दिसम्बर तक प्रीबोर्ड, अर्धवार्षिक और मासिक परीक्षा के आधार पर कमजोर छात्रा का सिलेक्शन करें। जनवरी 2025 में एक्स्ट्रा क्लास के संचालन के साथ रोजाना मॉडल टेस्ट लिए जाएं।
आदिवासी स्कूलों में लगेंगी अतिरिक्त कक्षाएं
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