भोपाल । मप्र में विधानसभा का चुनाव शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी और मप्र के विधानसभा चुनाव में हम शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में आगे बढ़ेंगे। ये बात भाजपा के राज्यसभा सांसद और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे ने भोपाल स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में कही। सहस्त्रबुद्धे केन्द्र में मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर चलने वाले विशेष संपर्क अभियान के तहत भोपाल पहुंचे थे।
विधानसभा चुनाव में चेहरे के सवाल पर सहस्त्रबुद्धे ने कहा कोई अस्थिरता की बात नहीं है ।कभी-कभी सामने वालों का मन विचलित हो सकता है तो वह कर सकते हैं। हमारा मन एकदम सही है हम पूरी ताकत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में पोस्ट शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में चुनाव में आगे बढ़ेंगे।
पिछले बार विधानसभा चुनाव में हुई हार पर विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा पार्टी सारे चुनाव परिणामों की समीक्षा करती है चुनाव परिणामों की समीक्षा सबके सामने नहीं बताया जाते। यह हमारी घरेलू समस्याएं होती हैं उसका हम समाधान निकाल लेते हैं लेकिन उस समय कोई बड़ी भारी चुप रह गई थी ऐसा मैं नहीं मानता हम दो-चार सीटों से पीछे रह गए थे परसेंटेज के हिसाब से वह परिणाम नहीं था थोड़ी कुछ कसक रह गई थी इस बार हम बहुत अच्छे तरीके से केवल आंकड़ों के हिसाब से नहीं जन मन जीते हुए विधानसभा में फिर से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाएंगे
मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर भाजपा अपने कार्यकाल में किये विकास कार्य और योजनाओ का ब्यौरा जनता के सामने पेश कर रही है..इसी कड़ी में आज भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष डॉ विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि भाजपा एक संस्था है। इसमें नेता और सरकार बदल सकती है लेकिन सोच वो ही रहती है। उन्होने ये भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सुशासन और विकास की सोच के साथ चुनाव लड़ा था। जो अब सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास में तक पहुँच गया है। मोदी सरकार का लक्ष्य समाज के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति का विकास है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समाज कल्याण के लिए सम्रग दृष्टिकोण रहा है। मोदी सरकार ने ई श्रम पोर्टल पर 28 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिको का पंजीयन हो चुका है। जनधन खाते खुलवा कर सरकार ने बीच मे होने वाली कमीशन खोरी खत्म की गई है।
सहस्रबुद्धे ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत देश में 11 करोड़ से अधिक घरेलू शौचालय बनाए गए हैं साथ ही सरकार ने 2022 तक 1.84 लाख दिव्यांग छात्रो को करीब 556 करोड़ से ज्यादा छात्रवृत्ति दी है। प्रधान मंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत अभी तक 29 सौ अधिक से गांव का चयन किया गया है। जिसमें 53 लाख से अधिक परिवारों के जीवन में बदलाव लाया गया है। सहस्त्रबुद्धे ने यह भी कहा कि देश में 2014 के बाद 553 एकलव्य आवासीय विद्यालय खोले गए हैं मोदी सरकार ने व्यवस्थित रणनीति के तहत देश में लिंग अनुपात बढ़ाया है। यह भी कहा कि पहले सरकारी योजनाओं में अपात्र लोग भी लाभ लेते थे लेकिन अब केवल पात्रों को ही योजना का लाभ मिल रहा है।
सहस्त्रबुद्धे ने कहा- नेता बदलते हैं सरकारें भी कभी-कभी बदलती है मगर सोच वही रहती है आप सबको याद होगा के 1998 के बाद प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने समाज कल्याण मंत्रालय का स्वरूप बदल दिया और सामाजिक न्याय मंत्रालय किया उस समय तक हमारे देश में महिला बाल कल्याण के लिए अलग मंत्रालय नहीं था वह प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमारे देश में आदिवासी समाज के लिए आदिवासी कल्याण मंत्रालय अटल बिहारी वाजपेई की सरकार बना मप्र भाजपा के संगठन में बदलाव की खबरों पर विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा- मैं कोई भविष्यवेत्ता नहीं हूं। पार्टी के निर्णयकर्ता उचित समय पर उचित निर्णय करेंगे या नहीं करेंगे इसपर मैं कुछ नहीं बता पाउंगा। मेरा काम लोकसभा क्षेत्र पर महाजनसंपर्क करने आया हूं। मुस्लिम लीग को प्रमाणपत्र देने की बात कोई नई नहीं हैं। ये तो हमेशा इस तरह की लोकलुभावन और वोट बैंक की राजनीति करते रहे हैं। वोटबैंक की राजनीति में अगर कोई पीएचडी है तो वो हमारे कांग्रेस के नेता हैं।
विनय सहस्त्रबुद्धे ने फ्री योजनाओं पर भी निशाना साधते हुए कहा कि यूपीए सरकार में फ्री की रेवड़ी बंटती थी, अन्य पार्टियों की सरकार में भी फ्री की रेवड़ी बंटती थी। जिसमें अपात्र लोगों को फायदा मिलता था। राहुल गांधी के मुस्लिम लीग को सेकुलर पार्टी बताने पर सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि कोई नई बात नहीं है। ये लोकलुभावन और वोटबैंक की राजनीति के लिए मशहूर है। कांग्रेस के नेताओं को वोटबैंक की राजनीति में पीएचडी है। भाजपा नेता विनय ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता यूपीए और एनडीए की तुलनात्मक रिपोर्ट लेकर घर घर जाएंगे। लोक नीति शोध संस्थान ने रिपोर्ट तैयार की है। डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने रिपोर्ट सामने रखते हुए बताया कि यूपीए सरकार में सामाजिक न्याय नहीं था। पहले सरकारी योजनाओं का अपात्र लोग लाभ लेते थे। अब पात्रों को ही लाभ मिल रहा है। 2014 से पहले ग्रामीण स्वच्छता 38.7 प्रतिशत थी, अब ओडीएफ की उपलब्धि हासिल हुई है। 2014 से पहले 19.43 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से 3.23 करोड़ घरों में नल कलेक्शन था। आज 11.66 प्रतिशत घरों में नल कलेक्शन है। जनजातीय मंत्रालय के आवंटन में 190 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 2014 में 4295.94 करोड़ बजट था, 2023-24 में 12461.88 करोड़ बजट है। 2014 के बाद 523 एकलव्य आवासीय विद्यालय खुले, 2014-15 में 918 लिंग अनुपात था, 2020-21 में बढ़कर 937 हो गया है। ई श्रम पोर्टल पर 28 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिकों ने पंजीयन कराया, इसमें 52.75 प्रतिशत महिलाएं 47.25 प्रतिशत पुरुष हैं।
शिवराज के नेतृत्व में होगा विधानसभा चुनाव
RELATED ARTICLES
Contact Us
Owner Name: