भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री के बेटे को अपने छोटे भाई और उसके परिवार की हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले की एक अदालत ने बुधवार को यह फैसला सुनाया। पूर्व उपमुख्यमंत्री प्यारेलाल कंवर के बेटे हरभजन कंवर, उम्र 52 वर्ष और चार अन्य ने संपत्ति विवाद को लेकर हरीस कंवर, उम्र 40 वर्ष, उनकी पत्नी सुमित्रा कंवर, उम्र 35 वर्ष और उनकी चार वर्षीय बेटी याशिका की हत्या कर दी। बुधवार को चार अन्य को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। ये लोग हरभजन की पत्नी धनकुंवर, उम्र 39 वर्ष, उनके साले परमेश्वर कंवर, उम्र 31 वर्ष और सुरेंद्र सिंह कंवर, उम्र 26 वर्ष और परमेश्वर के दोस्त रामप्रसाद मन्नेवार, उम्र 31 वर्ष हैं।
कौन हैं पूर्व उपमुख्यमंत्री
पूर्व उपमुख्यमंत्री प्यारेलाल कंवर कांग्रेस के वरिष्ठ आदिवासी नेता थे। वे 1993 से 1998 तक दिग्विजय सिंह की सरकार में अविभाजित मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री थे। 2011 में उनका निधन हो गया। हरीश राजनीति में भी थे। हत्या 21 अप्रैल, 2021 को सुबह करीब 4.15 बजे हुई। आरोपी ने कथित तौर पर हरभजन और हरीश की मां जानकी बाई के सामने कसाई के चाकू से तीन लोगों के परिवार की हत्या कर दी।
चेहरे पहचानना मुश्किल था
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमला इतना क्रूर था कि हरीश और उसकी बेटी के चेहरे पहचानना मुश्किल था। हरीश ने धारदार हथियार से हमला किया और परमेश्वर के चेहरे पर भी चोट मारी। मामले की जांच कर रहे इंस्पेक्टर लखन लाल पटेल ने मीडिया को बताया कि आरोपी अज्ञात हैं।
आरोपी कैसे पकड़े गए
हमने आस-पास के सीसीटीवी कैमरों से फुटेज चेक करना शुरू किया, जिससे हमें वह रास्ता मिल गया जिस पर आरोपी भागे थे। पहला सुराग तब मिला जब हमें पता चला कि परमेश्वर का उसी रास्ते पर कथित तौर पर एक्सीडेंट हुआ था। उससे पूछताछ की गई और यह स्पष्ट हो गया कि वह झूठ बोल रहा था। हमने उससे हत्या के बारे में पूछा तो उसने बताया कि वह हरभजन का रिश्तेदार है। वह लगातार इनकार करता रहा, लेकिन जैसे-जैसे हमने और सबूत जुटाए, उसने अपना अपराध कबूल कर लिया। पुलिस को हरभजन के परिवार के सदस्यों द्वारा इस्तेमाल किए गए फोन से परमेश्वर को भेजा गया एक टेक्स्ट मैसेज भी मिला। इसमें कहा गया था कि वे घर से बाहर गए थे और दरवाजा खुला छोड़ गए थे।
संपत्ति विवाद ने परिवार को घेर लिया
संदेश में परमेश्वर से चार साल की बच्ची की जान बख्शने की गुहार लगाई गई थी। परिवार के सदस्यों के बयान दर्ज करते समय पुलिस को पता चला कि हरभजन और हरीश के बीच अक्सर संपत्ति विवाद को लेकर झगड़ा होता था। परिवार ने सरकार को जमीन का एक टुकड़ा बेचा था। लेकिन हरीश ने मुआवजे के पैसे के साथ-साथ अपनी मां की पेंशन भी रख ली थी, जिससे दुश्मनी बढ़ गई। सरकारी वकील कृष्ण कुमार द्विवेदी ने पुष्टि की कि सभी पांचों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।