Home राज्‍य मध्यप्रदेश कार्यकर्ता महाकुंभ के बाद भाजपा जारी करेगी प्रत्याशियों की सूची

कार्यकर्ता महाकुंभ के बाद भाजपा जारी करेगी प्रत्याशियों की सूची

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  • भोपाल। मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां दोनों पार्टियां पूरे जोर से कर रही हैं। भाजपा अपनी 39 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी भी कर चुकी है। भाजपा अब जन आशीर्वाद यात्रा निकाल रही है। जन आशीर्वाद यात्रा के समापन के लिए कार्यकर्ता महाकुंभ का आयोजन 25 सितंबर को राजधानी के जंबूरी मैंदान में किया है। इस कार्यकर्ता महाकुंभ में प्रदेश के 10 लाख भाजपा कार्यकर्ता शामिल होने वाले हैं। इसके लिए भाजपा पूरी तैयारी में जुटी है। भीड़ जुटाने के लिए भी नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है। 25 सितंबर को राजधानी भोपाल में कार्यकर्ता महाकुंभ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे।
  • कार्यकर्ता महाकुंभ से भाजपा विधानसभा चुनाव प्रचार का आगाज कर देगी। हालांकि जन आशीर्वाद यात्रा के जरिए भाजपा ने प्रदेश के 210 विधानसभा क्षेत्र में प्रचार अभियान चला चुकी है। करोड़ों मतदाताओं से सीधे संपर्क हो चुकी है। आधे से अधिक प्रचार तो भाजपा ने जन आशीर्वाद यात्रा के जरिए कर चुकी है। माना जा रहा है कि पित्र पक्ष लगने यानी 30 सितंबर से पहले भाजपा हारी हुई विधानसभा सीटों को लेकर एक और सूची जारी कर सकती है। उम्मीदवारों के नामों पर पहले भी मंथन हो चुका है। केंद्रीय चुनाव समिति की भी बैठक हो चुकी है।

कांग्रेस पर मानसिक दबाव बनाने की कोशिश

भारतीय जनता पार्टी विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्य विपक्षी दल कांगे्रस पर चौतरफा दबाव बनाने के लिए कार्य कर रही है। इसी कड़ी में भाजपा 39 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर चुकी है। अब 30 सितंबर से पहले दूसरी सूची जारी कर कांग्रेस पर मानसिक दबाव बनाने की कोशिश करेगी। भाजपा उम्मीदवारों की सूची जारी कर बढ़त बनाना चाह रही है। प्रचार में पहले ही बढ़त बना चुकी है।

कमजोर पक्ष को मजबूत करने पर फोकस

भाजपा ने इस बार 2018 की गलतियां ना दोहराने के लिए तैयारी की है। अपने कमजोर पक्ष को मजबूत करने पर भी पूरा फोकस लगाया। इसके लिए सबसे ज्यादा आदिवासी वर्ग को साधने के लिए कार्यक्रम किए। पिछले चुनाव में आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित 47 में से सिर्फ 16 सीटें भाजपा को मिली थी। आदिवासी वर्ग की सीटों पर भाजपा की करारी हार के कारण ही सत्ता से बाहर होना पड़ा था। इस बार चुनाव से पहले पेसा एक्ट लागू कर भाजपा आदिवासियों को अपनी ओर आकर्षित करने में काफी हद तक सफल भी हो चुकी है।

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