भोपाल: माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षा के साथ ही कक्षा 10वीं और 12वीं की कॉपियों की चेकिंग का काम शुरू हो गया है. कॉपी चेकिंग के लिए मूल्यांकनकर्ताओं की ट्रेनिंग कराई जा चुकी है. कॉपियों के मूल्यांकन के संबंध में विस्तार से दिशा निर्देश दिए गए हैं. प्रदेश के कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं के 17 लाख स्टूडेंट्स की कॉपियों को लेकर मूल्यांकनकर्ताओं को सावधानी से कॉपियां चेक करने के हिदायत दी गई है. साथ ही कहा गया है कि कॉपी चेकिंग में गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. हालांकि कॉपियों के मूल्यांकन में गड़बड़ी को रोकने के लिए मूल्यांकन 3 चरणों में कराया जा रहा है.
तीन स्तर पर हो रहा मूल्यांकन
एमपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं परीक्षाओं में कॉपी चेकिंग में गड़बड़ी को रोकने के लिए इस बार 3 स्तर पर चेकिंग की व्यवस्था की गई है. स्टूडेंट्स की कॉपियां परीक्षक द्वारा जांचने के बाद उप मुख्य परीक्षक द्वारा कॉपी का एक बार फिर मूल्यांकन किया जाएगा और टोटलिंग को चेक किया जाएगा. इसके बाद यदि कहीं कोई कन्फ्यूजन की स्थिति होगी तो मुख्य परीक्षक द्वारा उन्हें देखा जाएगा. मूल्यांकन के दौरान यदि मूल्यांकन कार्य सामान्य स्तर का पाया गया और बाद में इसको लेकर शिकायतें आई तो संबंधित मूल्यांकनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा कई कॉपी चेकिंग के बाद यदि नंबर को एक्सेल सीट पर दर्ज करने में गड़बड़ी पाई गई तो परीक्षक और उप मुख्य परीक्षक दोनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
एक दिन में 45 कॉपियां जांचने का टारगेट
एमपी बोर्ड की कक्षा 10वीं और 12वीं की कॉपियां जांचने के लिए 40 हजार टीचर्स की ड्यूटी लगाई गई है. यह टीचर्स 90 लाख कॉपियां को जांचेंगे. एक टीचर को एक दिन में अधिकतम 45 और कम से कम 30 कॉपियां जांचने का टारगेट दिया गया है. भोपाल जिला शिक्षा अधिकारी एनके अहिरवार के मुताबिक "सभी केन्द्रों की सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है. कॉपी चेकिंग में एक गलती भी हुई तो संबंधित शिक्षक पर 100 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है. ज्यादा गलतियां होने पर संबंधित शिक्षक को ब्लैक लिस्ट भी किया जा सकेगा. जिन छात्रों को 90 फीसदी से ज्यादा अंक मिलेंगे, उनकी कॉपियां दोबारा चेक की जाएंगी ताकि मेरिट लिस्ट में गड़बड़ी ना हो."
एक उत्तर का एक बार ही मिलेगा नंबर
कई बार परीक्षार्थी किसी प्रश्न का उत्तर न आने पर किसी दूसरे प्रश्न का उत्तर ही 2 या 3 बार लिख देते हैं, ऐसे मामलों में परीक्षार्थी को किसी एक ही उत्तर के अंक दिए जाएंगे. बाकी प्रश्नों के उत्तर के लिए कोई भी नंबर नहीं मिल सकेगा. माध्यमिक शिक्षा मंडल के अधिकारियों के मुताबिक विभाग की कोशिश है कि मूल्यांकन में एक बार कम से कम गलतियां सामने आएं.