भोपाल । मध्य प्रदेश में विधायकों को अब सरकार लैपटाप या कंप्यूटर खरीदने के लिए अलग से राशि नहीं देगी। इसके स्थान पर ई-विधायक ऑफिस योजना प्रारंभ की जा रही है। इसमें प्रत्येक विधायक को पांच लाख रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे वे ऑफिस की व्यवस्था बनाएंगे। यह ई-विधान से जुड़ेगा और विधायक को हर विषय की पूरी जानकारी सिंगल क्लिक पर उपलब्ध रहेगी। अभी केवल प्रश्न पूछने की व्यवस्था ऑनलाइन है।
नई विधानसभा के गठन के समय विधायकों को कामकाज में आसानी हो, इसके लिए लैपटाप खरीदने 35 हजार रुपये तक दिए जाते हैं। विधायक लैपटाप या कंप्यूटर लेकर उसका बिल विधानसभा सचिवालय को आवेदन के साथ देते हैं और फिर राशि संसदीय कार्य विभाग से राशि मिल जाती है लेकिन 16वीं विधानसभा के गठन के बाद यह राशि भी नहीं दी गई।
इसी तरह वित्त विभाग ने पिछले बजट के लिए टैबलेट खरीदकर दिए थे। बजट पुस्तिका देने के कारण इस वर्ष यह भी नहीं दिए गए। विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह का कहना है कि अभी किसी विधायक की ओर से लैपटाप के लिए राशि दिलाने का आवेदन नहीं दिया गया है। ई-विधायक ऑफिस योजना का क्रियान्वयन भी शासन द्वारा किया जाना है इसलिए राशि की व्यवस्था भी उसी स्तर से होगी। उधर, संसदीय कार्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नई व्यवस्था की घोषणा बजट में हुई है पर इसका क्रियान्वयन कैसे और कौन सा विभाग करेगा, यह अभी तय नहीं हुआ है।
सूत्रों का कहना है कि योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग को यह जिम्मेदारी दी जाएगी। वही, निर्वाचन क्षेत्र विकास निधि या स्वेच्छानुदान में से पांच-पांच लाख रुपये निकालकर उपलब्ध कराएगा क्योंकि ई-विधायक ऑफिस योजना का उपयोग भी क्षेत्र की जनता के लिए होगा। उनके आवेदनों को सीधे संबंधित विभागों को सीधे विधायक के कार्यालय से ऑनलाइन प्रेषित कर दिया जाएगा। विभिन्न शासकीय योजनाओं के लाभार्थियों और आवेदनों की स्थिति की जानकारी भी शासन स्तर से सीधे विधायकों को मिलती रहेगी।
हर एक विधायक के लिए बनेगा ई-ऑफिस
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