Fraud : भोपाल. मध्यप्रदेश सरकार से सामाजिक कामों के लिए मिली जमीन पर क्षत्रिय लोणारी कुनबी समाज के चंद कर्ता-धर्ताओं ने ऐसा खेल खेला है कि सरकारी नियम पूरी तरह फेल हो गए हैं और छत्रपति शिवाजी के नाम की आड़ में करोड़ों का खेल हो गया है. राजधानी भोपाल के 10 नंबर मार्केट के पास लोन्हारी कुन्बी समाज के लिए सरकार से मिली जमीन पर चंद लोगों ने अपनी अंधी कमाई का अड्डा बनाया हुआ है. ये लोग सामाजिक कामों की बजाय कर्मिशियल दुकानों और बिजनेस को बढ़ा रहे हैं. समाज के नाम पर यहां होने वाली एक्टिविटी शून्य हैं जबकि काले कारनामों की लंबी लिस्ट सामने आई है.
बताया जाता है कि मध्यप्रदेश के प्रतिष्ठित समाज और बैतूल जिले और आसपास के क्षेत्र में ज्यादातर निवास करने वाले कुन्बी समाज के चंद लोगों ने अपनी मिलीभगत से राजधानी भोपाल में सरकार के साथ बड़ा खेल खेला है. समाज के लिए मिलने वाली सुविधा के नाम पर मिली जमीन पर अपना कब्जा जमाकर चंद लोगों ने खुद करोड़ों कमाए और हर महीने लाखों रुपए किराया हड़प कर रहे हैं. इन्हीं लोगों ने सरकारी नाले की जमीन पर भी पक्का निर्माण करते हुए नगर निगम की सांसें फुला दी हैं. इन्हीं लोगों के कारण पानी की निकासी नहीं होने के कारण 10 नंबर मार्केट, हरे रामा हरे कृष्णा कॉम्प्लेक्स और पार्किंग के पास वाले इलाके से लेकर नुपुर कुंज तक बारिश का पानी जमा हो रहा है.
नगर निगम ने दिया नोटिस
नाले पर अतिक्रमण करने और बिना अनुमति 3000 वर्गफीट से अधिक निर्माण करने वाले इन लोगों को नगर निगम भोपाल ने बाकायदा नोटिस दिया है. 17 मई के नोटिस में पूछा गया है कि जी प्लस 2 यानी ग्राउंड और फिर 2 मंजिल भवन का निर्माण किया गया है. जो कि 3000 वर्ग फीट से ज्यादा है. इसके संबंध में स्वीकृत की गई भवन अनुज्ञा, मानचित्र और भूमि स्वामीत्व संबंधी दस्तावेजों को उपलब्ध कराएं. अन्यथा मप्र नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के प्रावधानों के तहत नियमानुसार कार्रवाई होगी और इसके जिम्मेदार आप स्वयं होंगे.
लाखों की कमाई, तीन मंजिला कामर्शियल कॉम्प्लेक्स का किराए का गोलमोल
सूत्रों का कहना है कि संस्थान से पूछा गया है कि इस पक्के निर्माण कार्य के लिए जो अनुमति सबसे पहले जरूरी होती है, उनके दस्तावेज प्रस्तुत करें. यहां बने कमर्शियल दुकानों को लेकर भी पूछताछ हो रही है. तीन मंजिला कामर्शियल कॉम्प्लेक्स का किराए और लाखों की कमाई का ब्यौरा भी संदेह के घेरे में है. इस संबंध में संस्थान की ओर से कोई भी कुछ कहने से साफ इनकार कर रहा है. उनका कहना है कि जहां जरूरत होगी वहां उचित जवाब दिया जाएगा. मीडिया से इस बारे में कोई चर्चा नहीं होगी.
लाखों-करोड़ों की कमाई, लेकिन सरकार को उसका हिसाब नहीं दिया
छत्रपति शिवाजी स्मृति संस्थान, (क्षत्रिय लोणारी कुनबी समाज) के नाम से आबंटित भूमि ई-3/3 अरेरा कालोनी में सरकार के नियम का मजाक बना रख दिया गया है. 1982 को भूमि अनुदान के जरिए मिली जमीन पर सामाजिक गतिविधियां होनी चाहिए थीं, लेकिन अब यह कमर्शियल दुकानों का किराया हड़पने का जरिया बन गई है. संस्थान ने तीन मंजिलों पर दुकानों- आफिस चेम्बर और अन्य को किराये पर देते हुए लाखों रुपए महीना कमाई शुरू कर दी है. जानकारी के अनुसार इस संस्थान ने लाखों- करोड़ों की कमाई तो की है, लेकिन उसकी जानकारी और लेखा-जोखा सरकार को नहीं दिया है.
नगर निगम भी कार्रवाई से बच रहा, नाले पर अवैध निर्माण पर चुप्पी साधी
नगर निगम ने जब भवन और 3000 वर्ग फीट से अधिक निर्माण की जानकारी मांगी तो राजनीतिक प्रेशर दिलाया गया है. नगर निगम के सूत्र बता रहे हैं कि यहां लंबा खेल हुआ है और इसकी ईओडब्ल्यू से जांच होनी चाहिए. संस्थान के पदाधिकारी आपस में एक दूसरे से विवाद होने की झूठी कहानी बताकर मामले को उलझा रहे हैं. यहां धड़ल्ले से कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाया गया और चलाया जा रहा है. लेकिन इसकी न तो सरकार से , ना ही नगर निगम से और ना ही बिजली कंपनी से कोई अनुमति ली गई है. नगर निगम के अफसरों ने कहा कि कोई नोटिस जारी तो किया गया है, लेकिन उस पर कार्रवाई क्या हुई है; उसकी जानकारी लेनी पड़ेगी.