Thursday, September 19, 2024
Homeराज्‍यमध्यप्रदेशबिना संचालक मंडल के ठप पड़ी हाउसिंग सोसायटियां

बिना संचालक मंडल के ठप पड़ी हाउसिंग सोसायटियां

भोपाल। मप्र में गृह निर्माण सहकारी समितियों में वर्षों से चुनाव नहीं होने से हाउसिंग सोसायटियां ठप पड़ी हुई हैं। इस कारण समितियों में काम-काज ठप पड़े हुए हैं। आलम यह है कि सदस्यों के हित में न तो फैसले हो पा रहे हैं और न लोगों को प्लॉट मिल रहे हैं। न ही पैसे वापस हो पा रहे हैं। हालांकि सरकार ने आश्वासन दिया है कि जल्द की गृह निर्माण सहकारी समितियों में चुनाव कराए जाएंगे।
गौरतलब है कि प्रदेश में अधिकांश सहकारी समितियों भ्रष्टाचार का अड्डा बनी हुई हैं। प्रदेशभर में कई गृह निर्माण सहकारी समितियों के खिलाफ जांच चल रही है। इसके बावजूद विभाग गंभीर नहीं है। ज्यादातर हाउसिंग सोसायटियों में संचालक मंडल के चुनाव तक नहीं हो पाए हैं। विभाग ने अधिकारियों को ही प्रशासक नियुक्त कर रखा है। यह स्थिति कई वर्षों से है। सोसायटियों का कामकाज ठप हो गया है। हालात यह हैं कि सदस्यों के हित में न तो फैसले हो पा रहे हैं और न लोगों को प्लॉट मिल रहे हैं। न ही पैसे वापस हो पा रहे हैं। भोपाल व इंदौर की 1438 सोसायटियों में से 802 में प्रशासक नियुक्त हैं।

अधिकांश सोसायटियों में प्रशासक नियुक्त

28 16
प्रदेश में 2,110 गृह निर्माण सहकारी सोसायटियां पंजीकृत हैं। नियम यह है कि किसी भी गृह निर्माण सहकारी समिति के कामकाज का संचालन उसका संचालक मंडल करता है। रजिस्ट्रेशन के तीन माह के अंदर मंडल का चुनाव कराना अनिवार्य है। मंडल में 14 सदस्य होते हैं। इनमें से 11 को सोसायटी के सदस्य चुनते हैं। तीन सदस्य नामांकित होते हैं। संचालक मंडल के सदस्य ही अध्यक्ष, दो उपाध्यक्षों का चुनाव करते हैं। मंडल का कार्यकाल 5 साल होता है। इसके बाद सहकारिता अधिनियम के अनुसार यह स्वत: भंग हो जाता है। भोपाल-इंदौर की हाउसिंग सोसायटियों में सबसे ज्यादा घपले होने के बावजूद ज्यादातर में संचालक मंडल नहीं हैं। इन शहरों में 1438 हाउसिंग सोसायटी पंजीकृद्र हैं। इनमें से केवल 368 में ही संचालक मंडल हैं। यह जानकारी विधानसभा में विधायक कमलेश्वर डोडियार के सवाल के जवाब में सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने की है। सारंग का कहना है कि जल्द सभी सहकारी सोसायटियों के चुनाव कराए जाएंगे। भोपाल, इंदौर की 268 सोसायटियों के परिसमापन की प्रक्रिया भी जारी है।

मूल सदस्य प्लॉट के लिए भटक रहे

29 15
गृह निर्माण सहकारी समितियों में गड़बडिय़ों की भरमार है। आलम यह है कि मूल सदस्य प्लॉट के लिए भटक रहे हैं। भोपाल की रोहित हाउसिंग सोसायटी में मूल सदस्य सालों बाद भी प्लॉट के लिए भटक रहे हैं। गौरव सोसायटी में नए सदस्य बनाकर प्लॉट दे दिए गए। मूल सदस्य प्लॉट के इंतजार में बूढ़े हो गए। बिट्ट्ठल नगर सोसायटी में बाहरी लोगों को जमीन बेची गई। केस कोर्ट में है। टीकमगढ़ की 21 समितियों में से छह परिसमापन की प्रक्रिया में हैं। इनमें इंदिरा गृह निर्माण समिति में सबसे ज्यादा अनियमितताएं हैं। लोग प्लॉट की रजिस्ट्री को परेशान हैं। किसी के नाम पर आवंटित प्लॉट दूसरे को बेच दिया गया है। अध्यक्ष पद पर सालों से एक ही परिवार का कब्जा है। समिति ने एक वर्ग के लोगों को प्लॉट दिए हैं। खंडवा में 38 समितियां है। इनमें से 15 का परिसमापन हो चुका है। वर्तमान में 23 समितियों में संचालक मंडल हैं। इसमें से पांच में पांच साल से ज्यादा समय से चुनाव नहीं हुए हैं। इस कारण प्रशासक नियुक्त किए गए हैं। रेरा लागू होने के बाद नई समितियां का पंजीयन भी नहीं हुआ है। इंदौर में जागृति गृह निर्माण संस्था की जमीन पर मूल सदस्यों के प्लॉट कर्ताधर्ताओं ने सविता गृह निर्माण संस्था को बेचा। इसमें जालसाज बॉबी छाबड़ा भी शामिल था। इस वजह से कॉलोनी राजगृही में प्लॉट कम हो गए, जिसके बाद नया नक्शा पास किया गया। मामला कोर्ट में विचाराधीन है। ग्वालियर जिले की 303 समितियों में संचालक मंडल हैं। योगेंद्र कुमार ने सहकारी गृह निर्माण आवास संघ में भू-आवंटन में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत की। इसी तरह अजीत कुमार बैनर्जी ने आदित्य रेजीडेंसी कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड की शिकायत की है। सतना में 16 जिले में गृह निर्माण समितियां हैं। इनमें से 15 परिसमापन में हैं। कामदगिरी समिति में तत्कालीन अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों ने परिजनों के नाम पर प्लॉट आवंटित करा दिया था, जिनकी रजिस्ट्री भी हो गई थी। अधिकास्यिों के दखल के बाद 32 रजिस्ट्री शून्य घोषित की गईं। जांच चल रही है।

RELATED ARTICLES

Contact Us

Owner Name:

Deepak Birla

Mobile No: 9200444449
Email Id: pradeshlive@gmail.com
Address: Flat No.611, Gharonda Hights, Gopal Nagar, Khajuri Road Bhopal

Most Popular

Recent Comments

Join Whatsapp Group
Join Our Whatsapp Group